राहगीरों की समस्याओं की सुनवाई नहीं, बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर बेखौफ स्टैंड माफियाओं का जलवा बरकरार
पुलिस भी सिर्फ आम जनता का चालान काटती है, जहां खासा जगह मौजूद होने के बावजूद किसी भी प्रकार की पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है, न प्रसाशन द्वारा इस दिशा में कोई पुख्ता कदम उठाया जा रहा है.
उपरोक्त तस्वीर बाराबंकी जं. रेलवे स्टेशन की है, जहाँ पर नो पार्किंग का बोर्ड लगा होने के बावजूद भी तमाम ऑटो रिक्शा एवं अन्य वाहन बेतरतीब तरीके से खड़े रहते हैं जिसकी वजह से आने-जाने वाले राहगीरों को काफी समस्या होती है। हमें वहाँ पर पूँछ-ताछ करने पर पता चला कि वहाँ पर मुख्य रूप से ट्राफिक पुलिस के कुछ अधिकारियों की लापरवाही तो उजागर होती ही है साथ ही साथ ऑटो चालकों से अनाधिकृत वसूली भी की जाती है। जिसके बदले वे जहाँ चाहे वहाँ अपना वाहन लगा सकते हैं और उन पर कोई कार्यवाही नहीं होती है, जो कि भ्रष्टाचार के शुद्ध संकेत हैं।
जनपद की यह स्थिति सुधरे और शहर की आम जनता को भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ाया जाए इस खातिर ट्राफिक पुलिस से जुड़े उच्च अधिकारी मामले का संज्ञान लें और उपरोक्त तथ्य का निरीक्षण करवाकर उचित कार्यवाही करें।
बता दें कि स्टेशन के बाहर किसी भी प्रकार की कोई पार्किंग व्यवस्था/सुविधा लोगों को मुहैया नहीं कराई गई है। इसी कारणवश आम जनमानस को अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और यदि वे वाहन को वहां मौजूद तथाकथित स्टैंड में पार्क कर भी दें तो पुलिस भी चालान काट बची कुची कसार पूरी कर देती है।
अब ऐसी स्तिथि में जब न तो कोई व्यवस्थित पार्किंग है, व्यवस्थित छोड़िये पार्किंग ही नहीं है, और बेतरतीब खड़े वाहनों का डेरा अलग... ऐसे में राहगीर या उनके साथ के लोग अपने वाहन को कहाँ खड़ा करें कि पुलिस द्वारा उनका चालान न किया जाए। इस सवाल का जवाब ट्रैफिक पुलिस या सम्बंधित आला अधिकारियों द्वारा अवश्य दिया जाना चाहिए।
जहाँ एक ओर साशन की तरफ से भ्रष्टाचार और भरष्टाचारियों पर लगातार नकेल कसने का वादा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर धरातल पर हकीक़त कुछ और ही सामने आती है, एवं प्रसाशन के चुनिंदा भ्रष्ट अधिकारियों के चलते न सिर्फ एक तबके का बल्कि पूरे शहर का नाम खराब होता है।
अतः इस मामले में जल्द से जल्द आवश्यक कार्यवाही कर बाराबंकी का साशन-प्रसाशन अपने नींद में न होने का उदाहरण पेश करे।