बाराबंकी: VDO ने रिश्वत में महिला से मांगी ऐसी चीज, जिसे जान आप भी कहेंगे- एक आदमी कितना गिर सकता है
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के एक वीडीओ ने रिश्वत के रूप में ऐसी मांग रख दी जिसे जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे कि रिश्वत के खातिर एक आदमी कितना गिर सकता है।
सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार के मामले आमतौर पर देखने-सुनने को मिल जाते हैं, जिससे न सिर्फ सरकारी तंत्र की बदनामी होती है, बल्कि सरकार पर भी सवाल उठने लगते हैं। भ्रष्टाचार के मामलों के कारण ही समाज में सरकारी कर्मचारियों की छवि दागदार बन चुकी है। कर्मी भ्रष्ट न होते हुए भी ऐसे मामलों के चलते भ्रष्टाचारी कह दिया जाता है। भ्रष्टाचार के मामलों में रिश्वत के रूप में पैसों और अन्य कीमती वस्तुओं की मांग के किस्से आम हो गए हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के एक वीडीओ ने रिश्वत के रूप में ऐसी मांग रख दी, जिसे जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे कि रिश्वत के खातिर एक आदमी कितना गिर सकता है।
दरअसल, यह मामला बाराबंकी जिले के सिद्धौर ब्लाक का है। यहां तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी (Village Development Officer, VDO) ने एक महिला से शर्मनाक रिश्वत की मांग की है। महिला वीडीओ के पास परिवार रजिस्टर की नकल बनवाने के लिए आई थी। नकल बनाने के बदले में वीडीओ ने महिला के सामने ऐसी घिनौनी शर्त रख दी, जिसे सुनकर महिला सन्न रह गई।
पीड़ित महिला ने बताई वीडीओ की घिनौनी शर्त
पीड़ित महिला के आरोपों के अनुसार, वह परिवार रजिस्टर की नकल बनवाने के लिए ब्लाक में आई थी। यहां तैनात वीडीओ ने उसे परिवार रजिस्टर की नकल बनाने के बदले में उसके साथ रात बिताने की शर्त रख दी। यह सुनकर महिला को आश्चर्य हुआ और इससे वह काफी आहत हुई।
पुलिस ने अभी तक दर्ज नहीं की शिकायत
पीड़िता ने इसकी शिकायत खंड विकास अधिकारी से की, लेकिन ब्लाक के अधिकारियों ने मामले को दबा दिया। महिला ने मुख्यमंत्री तक शिकायत की। महिला आयोग में भी गई। थाने में भी शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की है।
सीडीओ ने समझा पीड़िता का दर्द, गठित की कमेटी
मुख्य विकास अधिकारी एकता सिंह ने एक महिला होने के नाते उसका दर्द समझा और तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। कमेटी में परियोजना निदेशक मनीष कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी रणविजय सिंह और लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशाषी अभियंता शामिल हैं।
बीडीओ को जांच रिपोर्ट भी याद नहीं
हद तो यह कि इस मामले में जब खंड विकास अधिकारी सिद्धौर यशोवर्धन सिंह ने बात की गई तो उन्होंने माना कि मामला उनके संज्ञान में आया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में आडियो भी वायरल हुआ था। महिला की शिकायत की जांच भी कराई थी, लेकिन जांच रिपोर्ट में क्या आया? यह देखकर ही बता पाएंगे।
क्या बोले डीपीआरओ?
जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) रणविजय सिंह ने बताया कि महिला ने ग्राम पंचायत अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शुक्रवार को ही जांच मिली है, जल्द ही जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी डा. अखिलेश नारायन सिंह ने कहा, ‘अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं आया था। इस मामले में सीडीओ ने जांच कमेटी बनाई है तो उस कमेटी की जांच रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आएंगे उसके दृष्टिगत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।’
गौरतलब है कि समाज के कुछ लोग अपने पद के दायित्वों का निर्वहन के बजाए ऐसी शर्मनाक हरकतें करते हैं जिसके कारण उनके पेशे से जुड़े अन्य लोगों व विभाग की भी बदनामी होती है। सरकार पर भी सवाल उठते हैं। बाराबंकी में ही सरकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर एडीओ पंचायत के शारीरिक शोषण से तंग आकर रामनगर ब्लाक क्षेत्र की एक महिला के आत्महत्या का मामला अभी लोग भूले भी नहीं थे कि यह मामला सामने आया गया।