बाराबंकी: बीमारियों का घर बन रहीं कॉलोनी की सड़कें, बजबजाती नालियों व खस्ताहाल सड़क पर प्रसाशन ने साध रखी चुप्पी
बाराबंकी के लखपेड़ाबाग इलाके की भरतपुरम कॉलोनी में बजबजाती नाली और टूटी-फूटी सड़क से कॉलोनी के सभी निवासी त्रस्त हो चुके हैं साथ ही वे प्रशाशन के द्वारा इसे ठीक कराए जाने की उम्मीद भी छोड़ बैठे हैं.
शहरी इलाकों में बजबजाती नालियों एवं खस्ताहाल सड़कों का मुद्दा नया नहीं है, ऐसी समस्याएं अक्सर देखने को मिलती हैं जहाँ कॉलोनी या मोहल्लों में रहने वाले लोगों को नालियों में पनप रही गंभीर बिमारियों से समझौता करते हुए साशन प्रसाशन की लापरवाही का खामियाज़ा भुगतना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला बाराबंकी के लखपेड़ाबाघ इलाके की भरतपुरम कॉलोनी में सामने आया है जहाँ पिछले दो-तीन सालों से कॉलोनी की जर्जर सड़क और बहती नालियों की समस्या से वहां के निवासी झूझ रहे हैं. लेकिन न तो अब तक नगर पालिका द्वारा कोई कदम उठाया गया है और न ही प्रसाशन द्वारा इसे ठीक कराने का ज़िम्मा उठाया गया.
कॉलोनी निवासियों के मुताबिक़ निजी स्तर से लेकर सामूहिक रूप से आला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने का काम प्रत्येक व्यक्ति ने किया है. लेकिन अभी तक कोई भी सफलता हाथ नहीं लगी है. बता दें की बरसात के मौसम में सड़क और नालियों की ऐसी दुर्दशा हो जाती है की बच्चों का खेलने के लिए घर से निकलना तक मुहाल हो जाता है. नौकरी पेशा लोग जैसे तैसे अपने अपने कामों पर जाते हैं नालियों की मेढ़ के सहारे। ये बिलकुल वैसा ही है जैसे खेतों में पगडंडियों पर चलना. समस्या सिर्फ आने जाने तक नहीं सीमित है सड़क पर बह रहे नाली के गंदे पानी के कारण फैल रही बिमारियों से भी लोगों को खतरा है. छोटे-छोटे बच्चे भी इसी रास्ते आने जाने को मजबूर हैं जिस कारण उनके स्वस्थ्य पर भी सीधा असर पड़ता है. आलम ये है कि निवासियों ने इस समस्या के साथ रहने की आदत डाल ली है क्यूंकि उन्हें लगता है कि अब इसका निवारण होना नामुमकिन है।
सभी अपने-अपने घरों के आगे मिट्टी गिट्टियां या बालू डलाकर काम चला रहे हैं ताकि घर के बाहर काम से काम खड़े होने या गाड़ियों को खड़ी करने की जगह बन सके. नगर पालिका द्वारा शहर भर में चलाई जा रही कूड़ा गाड़ी की सेवा तो उपलब्ध है लेकिन इस इलाके में वो भी कभी आयी तो आयी वरना कुछ कह नहीं सकते। हालांकि इस सेवा की खातिर जो हर्जाना है वो कॉलोनी वासियों से नगर पालिका द्वारा वसूल लिया जाता है. अब ऐसे में लोग कूड़े को खाली पड़े प्लाटों में फेंकने पर भी मजबूर हैं.
हमने यहाँ के ही निवासी सचिन सिंह से बात की जो कि पेशे से वकील हैं उनका कहना है कि साल डेढ़ साल पहले गैस एवं पानी की पाइप लाइन बिछाने के लिए लोग आए सड़क खोदकर पाइप तो डाल डी लेकिन उसको पाटने और उसकी मरम्मत कराने की ज़िम्मेदारी से उन्होंने ने भी हाथ खड़े कर दिए. जिसके बाद से ही ये दुर्दशा हुई है. सचिन आगे बताते हैं कि यह मामला डीएम सभासद व चेयरमैन तक के संज्ञान में है मगर इस पर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा.
सबके पास अपने अपने अलग कारण हैं जैसे की सड़क की लंबान काम होने के कारण ठेकेदार नहीं मिल रहा इलाके का नगर पालिका के अंतर्गत न आना वो बात अलग है कि हाउस टैक्स भी जा रहा है और सभी की घर की दीवारों पर नगर पालिका का हाउस नंबर का बोर्ड चस्पा है. साफ़ है कि प्रसाशन द्वारा की जा रही लापरवाही से लोग परेशान है और यदि अपने ही स्तर से इस समस्या का हल कॉलोनी के लोगों को निकालना पड़ जाए तो फिर नगर पालिका या प्रसाशन किस काम के.