बाराबंकी: स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र पर लटक रही है ताले, इलाज के लिए भटक रहे लोग
बाराबंकी ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहे स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र का लाभ गांव की जनता काे नहीं मिल रहा है। यहां पर सीएचओ तो तैनात हैं लेकिन वह कब आते हैं और कब चले जाती है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। आराेप है कि संबंधित सीएचसी के अधीक्षक इन पर पूरी तरह से मेहरबान हैं जिसकी वजह से ये केंद्रों पर आए बिना ही वेतन का लाभ ले रहे हैं। जबकि यहां पर उपचार के लिए आने वाले मरीज उपचार के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।
जिले में 417स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र हैं इनमें से 373 पर कम्यूनिटी हेल्थ अफसर सीएचओ की तैैनाती हैं जबकि 44 सेंटर ऐसे हैं जहां पर अभी तक सीएचओ की तैनाती नहीं की जा सकी। इन सेंटरों को खोलने का मकसद ग्रामीण क्षेत्र की जनता को गांव के नजदीक ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते इन सेंटरों का लाभ गांव की जनता को नहीं मिल रहा है। मजबूरन गांवों के लोग या जिला मुख्यालय या फिर झोलाछाप के पास इलाज कराने को मजबूर हैं। इस बाबत सीएमओ डॉ. अवधेश यादव का कहना है किस्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र पर यदि सीएचओ नहीं पहुंच रहे हैं तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
कब खुलता है सेंटर पता नहीं
निंदूरा ब्लॉक के सैंदर में बने स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र पर सोमवार को ताला लटकता दिखाई दिया। यहां के निवासी रामप्रसाद, राजाराम आदि ने बताया कि कल्याण केंद्र कब खुलता है और कब बंद हो जाता है, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
इलाज के लिए जाते हैं झोलाछाप के पास
दरियाबाद ब्लॉक के क्यामपुर में बना स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र बंद मिला। यहां पर ताला लटकता दिखाई दिया। यहां पर दवा लेने आए अंगद, रविराज, शिवकुमार ने बताया कि सीएचओ कभी आते नहीं जिससे मरीजाें को झोलाछाप के पास मजबूरी में इलाज के लिए जाना पड़ता है।
इलाज को भटकते हैं मरीज
सिद्वौर ब्लाॅक के सरायमीर में खुलास्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र कभी खुलता नहीं है। यहां के निवासी पप्पू वर्मा, अशोक कुमार आदि ने बताया कि यहां पर तैनात सीएचओ सिर्फ सीएचसी तक आकर लौट जाती हैं। जबकि मरीज इलाज को इधर-उधर भटकते हैं।
झाडि़यों में तब्दील हुआ सेंटर
मसौली ब्लॉक के सुरसंडा में बना स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते झाडियों में तब्दील हो चुका है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां पर तैनात सीएचओ के आने जाने का कोई समय नहीं। जिससे इस सेंटर से मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।