बाराबंकी: आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 100 दिवसीय मिशन एआई अभियान का शुभारंभ
पशुधन विभाग 100 दिन में कराएगा 75 लाख कृत्रिम गर्भाधान।
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह द्वारा 15 नवंबर से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 100 दिवसीय मिशन एआई अभियान (75 लाख कृत्रिम गर्भाधान) का शुभारम्भ जनपद बाराबंकी के हिन्द इस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइन्सेज से किया गया। जिसके अंतर्गत पशुपालकों के द्वार पर निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा पशुपालन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इस अवसर पर पशुधन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कृषकों, पशुपालकों की आय दोगुनी करने के लिए दृढ़संकल्पित है। इसमें एआई अभियान द्वारा उन्नत प्रजनन सुविधा से उच्चगुणवत्तायुक्त संतति प्राप्ति से जहां प्रदेश का कुल दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा, वहीं कृषकों की आय में वृद्धि होगी।
पशुधन मंत्री ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए समस्त जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि गोवंश सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए 6408 विभिन्न गोआश्रय स्थलों में लगभग 9 लाख गोवंश को संरक्षित करने के साथ-साथ 1.50 लाख गोवंश को सुपुर्दगी में प्रतिमाह भरण पोषण धनराशि 900 प्रति गोवंश उपलब्ध कराई गई।
इस अवसर पर मंत्री द्वारा मैत्री संदर्भ पुस्तिका का विमोचन किया गया, तदोपरान्त प्रदेश के तीन पैरावेट्स जिनके द्वारा सर्वेत्तम कृत्रिम गर्भाधान कार्य को इनाफ पर अपलोड किया गया है। संतोष कुमार गुप्ता, हाटा, जनपद-कुशीनगर, संतोश कुमार, गुन्नौर, जनपद संभल एवं कृष्ण गोपाल सिंह, सकलडीहा, जनपद चन्दौली को क्रमशः पुरस्कार स्वरूप प्रथम 21 हजार, द्वितीय 11 हजार और तृतीय 5100 के साथ प्रशस्ति पत्र दिया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की जानकारी दिए जाने के लिए भेजे जाने वाले पत्र का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में गोकुल पुरस्कार अंतर्गत एक वित्तीय वर्ष के 5 हजार लीटर या इससे अधिक दूध, दुग्ध समिति में आपूर्ति किया गया को राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले लाभार्थी को 02 लाख रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को 1.5 लाख रुपये एवं जनपद स्तरीय लाभार्थी को 51 हजार की धनराशि और शील्ड एवं प्रमाण पत्र प्रदान से पुरस्कृत किया गया।
इसके अतिरिक्त दुग्ध विकास के अंतर्गत देशी गाय के दूध में वृद्धि करने के लिए कृषकों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए नन्दबाबा पुरस्कार का वितरण अंतर्गत राज्य स्तर पर पुरस्कार प्राप्त करने वाले लाभार्थी को 51 हजार रुपये, जनपद स्तरीय लाभार्थी को 21 हजार रुपये एवं विकास खण्ड स्तरीय लाभार्थी को 5100 की धनराशि एवं शील्ड और प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 75 लाख कृत्रिम गर्भाधान की सफलता मील का पत्थर साबित होगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में गोवंश की सुरक्षा के प्रति सभी को जागरूक रहने और गोवंश का अधिक से अधिक पालन करने का भी आहवान किया गया।
इसके अतिरिक्त प्रदेश में गोकुल पुरस्कार और नन्द बाबा पुरस्कार के संबंध में अवगत कराते हुए पुरस्कार प्राप्त करने वाले लाभार्थियों का स्वागत भी किया गया। डाक्टर रजनीश दुबे अपर मुख्य सचिव, पशुधन एवं दुग्ध विकास ने प्रदेश के समस्त कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं और पशुपालकों से इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास एवं सहयोग किए जाने, कार्यक्रम की सघन अनुश्रवण के लिए भी निर्देशित किया गया और इसकी समीक्षा जनपद स्तर पर यथा समय किए जाने की अपेक्षा की गई। ये भी अवगत कराया गया कि 2 हजार और 3 हजार गोवंश क्षमता के बृहद गोआश्रय स्थलों के निर्माण के लिए लेआउट, डिजाईन और उक्तानुसार आंगणन पीडब्लूण्डी के सहयोग से तैयार कराया गया है। 200 गोवंश क्षमता के आश्रय स्थल हेतु 27 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी वहीं उसके निर्माण पर रू0 8.33 करोड़ की लागत आंगणित की गयी है। 3000 गोवंश क्षमता के आश्रय स्थल हेतु 40 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी वहीं उसके निर्माण पर रू0 12.08 करोड़ की लागत आंगणित की गयी है। विकास खण्ड स्तरीय बृहद गो-संरक्षण केन्द्रों की स्थापना होने पर इन गोआश्रय स्थलों पर सी0बी0जी0 प्लान्ट की स्थापना आदि मूल्यवर्द्धक कार्यक्रम भी संचालित कराए जायेंगे। ये भी अवगत कराया कि यूपी में लम्पी स्किन डिजीज से नियंत्रण प्राप्त कर लिया गया है।
कार्यक्रम में शशि भूषण लाल सूशील, दुग्ध आयुक्त, उत्तर प्रदेश शासन, देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, विशेष सचिव, पशुधन, श्री अविनाश कुमार, जिलाधिकारी, बाराबंकी, डॉक्टर इन्द्रमनि, निदेशक, प्रशासन एवं विकास, डॉक्टर प्रमोद कुमार सिंह, निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, पशुपालन विभाग, डॉक्टर अरविन्द कुमार सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद, डॉक्टर जेएन पाण्डेय, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, बाराबंकी एवं अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।