बाराबंकी: फर्जी शपथ पत्र देकर बैंक से लिया 9.22 लाख, मुकदमा
शाखा प्रबंधक ने न्यायालय से आदेश लेकर कराया मुकदमा।
भारतीय स्टेट बैंक में फर्जी शपथ पत्र के साथ आवेदन कर एक जालसाज ने नौ लाख 22 हजार रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड के रूप में ऋण ले लिया। आडिट में जानकारी पर बैंक की ओर से जालसाज को लीगल नोटिस भेजी गई, लेकिन रुपये वापस नहीं हुए। स्थानीय पुलिस की अनसुनी पर शाखा प्रबंधक ने न्यायालय में गुहार लगाई। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने आरोपित पर जालसाजी का मुकदमा लिखा है। हैदरगढ़ के पोखरा स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में शुकुलपुर गांव के महिधर शाह सिंह ने नौ लाख 22 हजार रुपये के किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया था। आवेदन के साथ शपथ पत्र भी दिया गया था कि आवेदक ने कोई अन्य कृषि ऋण नहीं लिया है। 11 जुलाई 2017 को आरोपित का ऋण स्वीकृत हो गया। इस जालसाजी का पता तब हुआ जब बैंक का आडिट शुरू हुआ।
आडिट में पता चला कि आवेदक ने 20 अगस्त 2014 को बैंक आफ बड़ौदा से 13 लाख 77 हजार और आर्यावर्त ग्रामीण बैंक से दो लाख 99 हजार रुपये का ऋण पहले से लिया हुआ है, जबकि जो शपथ पत्र दिया गया था वह तीन जुलाई 2017 को दिया गया था। आडिट में राजफाश होने के बाद बैंक की ओर से एक लीगल नोटिस भी महिधर शाह सिंह को भेजी गई। इसके बावजूद रुपये जमा नहीं किए गए। दस मार्च 2022 को बैंक के शाखा प्रबंधक अंशु विश्वकर्मा ने हैदरगढ़ कोतवाली और एसपी को प्रार्थना दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई न होने पर शाखा प्रबंधक ने 25 अप्रैल, 2022 को न्यायालय में शिकायत की थी। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने शनिवार को आरोपित पर जालसाजी का मुकदमा लिख लिया है। हैदरगढ़ थाना प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमा लिखा गया है, जांच व साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।