बाराबंकी: डीएम की फोटो वाट्सएप डीपी लगाकर ठगी का प्रयास
डीएम की शिकायत पर साइबर सेल ने नम्बर ट्रेस किया तो वह बिहार प्रांत के छपरा जिले में किसी महिला का निकला, जिसे कोई जानकारी नहीं थी।
आनलाइन ठगी करने वालों के हौसले इस कदर बुलंद है जिसका उदाहरण बाराबंकी में देखने को मिला। ठग ने वाट्सएप पर डीएम की फोटो प्रोफाइल पर लगाई और अधिकारियों व कर्मचारियों को वाट्सएप मैसेज भेजना शुरू कर दिया। जिसमें एक कम्पनी के दस-दस हजार के गिफ्ट कार्ड खरीदकर देने को कहा। इसकी सूचना मिलते ही डीएम डा. आदर्श सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते हुए लोगों को सावधान करते हुए ठगी का शिकार न होने के लिए सभी को सतर्क किया। डीएम की शिकायत पर साइबर सेल ने नम्बर ट्रेस किया तो वह बिहार प्रांत के छपरा जिले में किसी महिला का निकला, जिसे कोई जानकारी नहीं थी। ठग की पड़ताल में पुलिस जुटी हुई है।
दस हजार की खरीददारी की बात की : ठग ने अपने मोबाइल नम्बर 9155975718 पर वाट्सएप चलाया। इसके बाद प्रोफाइल में डीएम डा. आदर्श सिंह का फोन नम्बर डाला। इसके बाद उसने जिलास्तरीय अधिकारियों को मैसेज डालकर पहले पूछा कि आप कहां हो। जवाब के बाद कहा कि मैं बहुत ही जरूरी मीटिंग में हूं। एक मदद कर दें। एमाजोन गिफ्ट कार्ड होने की बात पूछी। इतना ही नहीं कुछ ने गिफ्ट कार्ड न होने की बात कही तो ठग ने डीएम बनते हुए कहा कि मैं लिक भेज रहा हूं। दस-दस हजार की कीमत के दस तो किसी से पांच कार्ड खरीदकर देने को कहा।
सूचना पाकर मचा हड़कम्प : कई अधिकारियों ने डीएम की फोटो लगी प्रोफाइल नम्बर से आने वाले मैसेज को सही माना। वहीं कुछ ने तत्काल नए नम्बर से आए मैसेज को लेकर डीएम डा. आदर्श सिंह को जानकारी दी। इसके बाद डीएम ने तत्काल अपने ट्वीटर एकाउंट, वाट्सएप ग्रुप व फेसबुक आदि पर ठग का नम्बर और पूरा ब्यौरा देते हुए कहा कि मेरी फोटो डीपी पर लगाकर कोई ठगी करने का प्रयास कर रहा है। इसको कोई भी तवज्जो नहीं दे, अन्यथा वह ठगी का शिकार हो सकता है।
बिहार प्रांत के छपरा जिले का निकला नम्बर : डीएम का फोटो लगाकर की गई ठगी की सूचना पाकर पुलिस महकमे में भी हड़कम्प मच गया। डीएम की सूचना पर साइबर सेल एक्टिव हुआ। नम्बर बिहार प्रांत के छपरा जिले सारंग निवासी किसी संजू देवी का निकला। महिला को इस मामले में कोई जानकारी तक नहीं है। साइबर सेल ने सबसे पहले उस महिला का दूसरा वाट्सएप एकाउंट बना दिया ताकि पहले वाला रिमूव हो जाए। पुलिस का मानना है कि उक्त मासूम महिला का फोन लेकर किसी शातिर ने वाट्सएप अपने फोन में बनाया हो और फिर ठगी का प्रयास किया। ठग काफी शातिर है, क्योंकि उसने बाराबंकी के अधिकांश अधिकारियों का नम्बर भी खोज लिया था। जिसमें कई के निजी नम्बर थे, कई अधिकारी ऐसे भी थे जिनका स्थानांतरण छह माह या साल भर पहले हो गया था। साइबर सेल अब यह तलाश रही है कि किस फोन से वाट्सएप मैसेज डाला गया।