बाराबंकी: बारिश ने बर्बाद की फसल, तो किसान ने किया सुसाइड; 50 हजार कर्ज लेकर लगाया था धान
शनिवार सुबह जब पत्नी घर के आंगन में गई, तो उसको पति फंदे पर झूलता हुआ दिखाई दिया।
बाराबंकी के एक किसान की डेढ़ बीघा धान की फसल लगातार हो रही बारिश में डूब गई। उसके पूरे खेत में पानी भर गया। अपनी मेहनत को खराब होती देख किसान ने शुक्रवार देर रात पत्नी की साड़ी से फंदा बनाकर फांसी लगा लगी। शनिवार सुबह जब पत्नी घर के आंगन में गई, तो उसको पति फंदे पर झूलता हुआ दिखाई दिया।
शव देखकर पत्नी चीख पड़ी और तेज-तेज रोने लगी। मामला बाराबंकी के कोठी थाना क्षेत्र के अलवामऊ गांव का है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
घनश्याम ही चला रहे थे घर का खर्चा
35 साल के किसान घनश्याम वर्मा अपने पीछे अपनी दो मासूम बच्चियों, पत्नी और बूढ़ी मां को छोड़ गए हैं। घर में एक छोटा भाई भी है। वह मजदूरी करता है, लेकिन घर का खर्चा घनश्याम ही चला रहे थे। घर में बैठी किसान की 70 साल की मां अपनी किस्मत पर रो रही है। मां का कहना है, ''भगवान ये सब दिखाने के लिए हमको अभी तक बैठाए हुए है। अपने जवान बेटे की लाश देखने से अच्छा था हम मर जाते।''
घर में नहीं बचा है 1 महीने का राशन
घनश्याम के घर की स्थिति बहुत खराब है। ईंट से बने घर में छप्पर पड़ा हुआ है। परिवार के पास खाने के लिए महीने भर का भी राशन नहीं बचा है। कमरे के एक छोर में किचन बना हुआ है, जिसमें रखे राशन के सारे डिब्बे लगभग खाली हैं। जिस साड़ी से घनश्याम ने फांसी लगाई थी, वह भी एक किनारे रखी हुई है। परिवार के लोगों की हालत बहुत खराब है।
भाई बोला- मैं भाभी की चीख सुनकर बाहर आया
घनश्याम के भाई मुकेश ने बताया, "शुक्रवार शाम को भइया खेत में गए हुए थे। देर रात वापस आए तो कुछ परेशान दिख रहे थे। खाना खाने के बाद वह बाहर बैठे हुए थे। कुछ हिसाब-किताब लगा रहे थे। हमने बहुत जोर देकर पूछा तो बताया कि सारी फसल बारिश से खराब हो गई है। पूरे खेत में पानी भरा हुआ है। सारा पैसा-सारी मेहनत बेकार हो गई। अब पूरे साल क्या करेंगे? गांव वालों का कर्जा कैसे देंगे? इस पर मैंने उनसे कोई रास्ता निकाल लेने की बात कही। कुछ देर के बाद वह आंगन में लेट गए। भाभी, मां और दोनों बच्चे अंदर कमरे में सो रहे थे। मैं भी दूसरे कमरे में जाकर सो गया। सुबह जब भाभी की चीख सुनी, तो बाहर आया। सामने देखा, तो भइया का शव लटक रहा था।"
बेटियों के सिर से बाप का साया उठ गया
घनश्याम की पत्नी पूनम ने बताया, "मेरे पति पर लगभग 50 हजार रुपए का कर्जा है। अब तो न खेती बची न मेरे पति…अब हम लोग क्या करेंगे। दो बेटियां महक और पलक हैं। उन्हें कैसे पालेंगे? उनके ऊपर से भी बाप का साया उठ गया है। घर में कुछ भी नहीं बचा है। हमारी सारी उम्मीदें खत्म हो गई हैं। बारिश के कारण हम लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई।''
परिवार का कहना है कि उनकी सरकार की ओर से मदद दी जाए। वरना वो लोग भी आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।