बाराबंकी में चला बाबा का बुलडोजर, गैंग्स्टर की 10 करोड़ की कोठी ध्वस्त; सरकारी जमीन पर कराया था निर्माण
धोखाधड़ी कर अपराध से बनाई गई संपत्ति और ग्राम पंचायत की जमीन पर कब्जा करके अवैध निर्माण कराने पर नवाबगंज तहसील प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है।
बाराबंकी में इन दिनों अवैध कब्जा करने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ सीएम योगी का बुलडोजर जमकर दहाड़ रहा है। इसी क्रम में धोखाधड़ी कर अपराध से बनाई गई संपत्ति और ग्राम पंचायत की जमीन पर कब्जा करके अवैध निर्माण कराने पर नवाबगंज तहसील प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है।
मंगलवार को पुलिस और प्रशासन की टीम ने गैंग्स्टर एक्ट में नामजद अभियुक्त की 10 करोड़ से ज्यादा की कीमत की अवैध आलीशान कोठी को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। इसके अलावा भी पुलिस-प्रशासन बाकी गैंग्स्टर के अभियुक्तों की संपत्तियों का चिह्निकरण कर रहा है। जल्द ही उनके खिलाफ भी इसी तरह की बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
15 सालों पहले तहसीलदार ने दिए थे निर्देश
बता दें कि गैंग्स्टर अमरजीत वर्मा पर धोखाधड़ी करके दूसरी की जमीन बैनामा करके किसी दूसरे को देने का आरोप लगा था। साथ ही सरकारी जमीन पर कब्जा करने का भी आरोप था। संपत्ति का पता चलने पर इसके ध्वस्तीकरण के लिए जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजी गई। जिसमें कहा गया कि ग्राम समाज की बंजर भूमि पर पिछले 25 सालों से आशियाना और व्यवसायिक प्रतिष्ठान के रूप में मिल का संचालन हो रहा है।
तत्कालीन लेखपाल की रिपोर्ट पर 13 जुलाई 2007 को तहसीलदार ने परिसीमन के बाद 26 लाख 81 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही बेदखली की कार्रवाई का आदेश भी दिया था। लेकिन अमरजीत वर्मा के रसूख और राजनीतिक पकड़ के चलते इस बंजर जमीन से बेदखली और जुर्माने की राशि की अदायगी की कार्रवाई उस समय नहीं हो सकी।
भूमि को मुक्त कराकर प्रबंधन समिति को सौंपा
एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि एसडीएम सदर विजय कुमार त्रिवेदी, तहसीलदार चंद्रकांत त्रिपाठी और एएसपी अखिलेश नरायण सिंह के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम के साथ सफदरगंज, जैदपुर और सतरिख थाने की भारी संख्या में पुलिस इंधौलिया ग्राम पंचायत पहुंची। टीम ने देखा कि करीब साढ़े चार बीघा सरकारी जमीन पर अमरजीत वर्मा ने दस करोड़ की लागत से शानदार कोठी का निर्माण कराया है। इसके बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बुलडोजर से सरकारी जमीन पर बनी कोठी को ढहा दिया गया। मुक्त जमीन को भूमि प्रबंधन समिति के अध्यक्ष को सौंप दी गई।