पुलिस एक्शन लेती तो मेरी बेटी आज जिंदा होती: युवक ने किशोरी के साथ की छेड़छाड़ ,तंग आकर मौत को लगाया गले
मां ने पुलिस थाने की कई चक्कर काटे। FIR दर्ज कराई, लेकिन उस आदमी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया तो आरोपी परिवार को धमकियां देता और इनकी बेबसी पर हंसता रहा।
एक 15 साल की दलित बच्ची जो घर के सामने बनी नाली पर बाथरुम के लिए गई। रात करीब 12 बजे का वक्त था। घर में उस वक्त बच्ची की मां और छोटे भाई-बहन सोए हुए थे। लड़की घर आने लगी तभी एक आदमी आया, उसका मुंह दबाया और घसीटकर एक कमरे में ले गया। उसने लड़की के साथ बदतमीजी करने की कोशिश की, बच्ची बेहोश हो गई। मां ने उसे ढूंढा। वो घर वापस आई। अगले दिन पूरी बात मां को बताई। मां ने पुलिस थाने की कई चक्कर काटे। FIR दर्ज कराई, लेकिन उस आदमी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया तो आरोपी परिवार को धमकियां देता और इनकी बेबसी पर हंसता।कहता था कि तुम हमारा कुछ नहीं कर पाओगी, मैं अभी कुछ भी कर सकता हूं। लड़की 14 दिन तक लड़ती रही, धमकियां बर्दाश्त करती रही। लेकिन आखिर में वो हार गई। उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
8 जून 2023. शाम के करीब 7 बजे थे। 15 साल की लड़की अपने छोटे भाई-बहन के साथ पकड़म-पकड़ाई खेल रही थी। उसकी मां सभी के लिए खाना बना रही थीं। घर में उस वक्त इन चारों के अलावा कोई और मौजूद नहीं था। लड़की की बड़ी बहन मौसी के घर गई थी और पिता काम की वजह से दिल्ली में थे।
लड़की ने खाना खाया। घर का चौका-बासन किया फिर अपनी मां के साथ अपने बड़े-बड़े सपनों की बातें करने लगी। मां को नींद आई तो वो सोने के लिए चली गईं। लड़की ने भी मां के पास बैठकर दोनों भाई-बहन को सुलाया।
उसके बाद अपनी खटिया पर जाकर सो गई। रात करीब 12 बजे। लड़की की नींद खुली। वो बाथरुम जाने के लिए घर के बाहर निकली। तभी किसी लड़की की चीख सुनाई दी और कुछ खटखटाने की आवाज आई। एक महिला ने जागकर देखा पर कोई दिखाई नहीं दिया।
आवाज सुनकर सबको लगा कि गांव में चोर घुस आया है
महिला ने पड़ोसियों को आवाज लगाई। गांव में उस वक्त लाइट नहीं थी तो 5-6 लोग टॉर्च लेकर बाहर आए। इन लोगों में उस बच्ची की मां भी शामिल थीं। गांव की महिला ने सबको बताया कि उसे कुछ आवाज सुनाई दी है, शायद कोई चोर घुस आया है। सब लोगों ने आस-पास देखा पर कोई दिखाई नहीं दिया।
गांव के लोगों ने करीब 15 मिनट इधर-उधर देखा। कोई नजर नहीं आया तो सब लोग घर की तरफ वापस जाने लगे। लड़की की मां भी अपने घर आकर लेटने ही जा रही थी। तभी उन्होंने देखा कि पास की खटिया पर उनकी बच्ची नहीं है। उन्हें लगा कि बाहर शोर शराबा हो रहा था इसलिए अंदर जाकर सो गई होगी। मां अंदर गईं लेकिन बेटी नहीं दिखाई दी। उन्होंने घर के एक-एक कोने में देखा पर बच्ची नहीं मिली।
घर में बेटी को ना पाकर मां भागी तो देखा वो बेहोश पड़ी थी
अपनी बच्ची को घर में ना पाकर मां भागी-भागी बाहर गईं। पड़ोसियों को आवाज लगाया। उन्हें बच्ची के गायब होने की बात बताई। सबको कुछ शक हुआ इसलिए जगह-जगह बच्ची को ढूढ़ने लगे। सभी ने बच्ची का नाम लेकर कई बार आवाज लगाई पर सामने से कोई आवाज नहीं आई। तभी गांव की दो औरतें बच्ची के घर के ठीक सामने मौजूद एक कमरे में ढूढ़ने लगीं। उस जगह पर नहाने के लिए चट्टान बनी था। एक तखत पड़ा था, साथ ही घरवालों का कुछ सामान रखा था। वो जगह सामने से तिरपाल से ढकी हुई थी साथ ही ऊपर टीनशेड पड़ा था। औरतें जैसे ही अंदर घुसीं उन्हें कमरे के आखिर में मिट्टी से बनी बखारी के पीछे लड़की के पैर नजर आए। पास जाकर देखा तो वो वही 15 साल की बच्ची थी। उसकी मां को आवाज लगाई गई। उन्होंने देखा तो वो बच्ची दीवार और बखारी के बीच में फंसी हुई पड़ी थी।
बच्ची के शरीर पर खरोंच के निशान और कपड़ों पर लगी थी मिट्टी
मां और गांव के लोगों ने मिलकर बच्ची को वहां से बाहर निकाला। बच्ची बेहोश पड़ी थी। बच्ची के कपड़े मिट्टी से सने हुए थे। उसके शरीर पर खरोंच के निशान थे। गांव वाले उसे गोद में उठाकर घर ले गए और खटिया पर लेटा दिया। मां रसोईघर की तरफ भागकर एक लोटे में पानी लेकर आई। लड़की के मुंह पर पानी छिड़का पर उसे होश नहीं आया। करीब 3-4 घंटे गुजर गए। बच्ची को होश नहीं आया तो उसकी मां भी चीख-चीखकर रोने लगीं। पानी डालने पर बच्ची हल्का हिलती फिर बेहोश हो जाती। गांववालों ने बच्ची के मां से कुछ देर इंतजार करने को कहा। मां रात भर अपनी बच्ची के हाथ-पैर सहलाती रही। सुबह हुई। बच्ची धीरे-धीरे होश में आने लगी। उसे पानी पिलाया गया और दीवार का सहारा लेकर बैठा दिया गया।
आदमी ने बच्ची को घसीटा, उसे जमीन पर पटककर शरीर को नोचने लगा
बच्ची की मां बताती हैं कि वो होश में तो आ गई थी, लेकिन अभी भी कुछ बोलने की हालत में नहीं थी। गांववालों के सवाल करने पर वो बस एक शब्द बोली- सोनू। मां ने सोनू का नाम लेकर बार-बार पूछा, लेकिन बच्ची कुछ बता नहीं पा रही थी। मां कहती हैं, “ऐसा लग रहा था कि मेरी बच्ची को किसी ने कोई नशीली चीज खिला-पिला दी है, जिससे वो होश में नहीं आ पा रही। कुछ घंटे बीते। बच्ची को अब थोड़ा बेहतर महसूस होने लगा। सभी ने फिर से सवाल पूछने शुरू कर दिए। तब उसने बताया कि रात में जब वो बाथरुम करके वापस आ रही थी तभी सोनू उसे घसीटकर सामने बने कमरे में ले गया। सोनू की उम्र 45 साल है। उसका घर लड़की के घर से महज 50 मीटर की दूरी पर है। बच्ची ने गांववालों को बताया कि सोनू उसे ले जाने लगा तो उसने जोर से चिल्लाया। तभी सोनू ने जमीन पर धक्का देकर उसका मुंह दबा दिया। लड़की ने हाथ-पैर पटके, छुड़ाने की कोशिश की। इसमें उसके शरीर पर खरोंचे भी आ गईं। तभी लड़की ने अपना पैर सामने पड़े सामान पर मारा। रात का वक्त था, गांव में शांति थी। तो खटपट सुनकर एक औरत बाहर आकर चिल्लाई, “कौन है?” ये सुनकर सोनू वहां से भाग गया। बच्ची ने बताया कि वो उसे नशे जैसा हो रहा था, इसलिए उसे ज्यादा कुछ याद नहीं।
बच्ची के परिवारवाले थाने गए तो आरोपी पहले ही वहां मौजूद था
बच्ची की बात सुनकर उसकी मां ने पिता को फोन करके पूरी बात बताई। उसके पिता दिल्ली में काम करते हैं। परिवार ने तय किया कि वो सोनू के खिलाफ पुलिस में कंप्लेन करेंगे। गांववालों ने भी पुलिस से शिकायत करने पर जोर दिया। बच्ची की मां एक रिश्तेदार के साथ थाने गईं। वहां जाकर देखा तो आरोपी पहले से ही मौजूद था। मां ने कंप्लेंट लिखाने के लिए कहा, लेकिन पुलिस ने उनकी एक ना सुनी। लड़की की मां बताती हैं कि पुलिस कंप्लेन लिखने के बजाय हम लोगों को धमकाने लगी। उसके बाद रिपोर्ट दर्ज करने का आश्वासन देकर हमें वापस भेज दिया। हमने कई बार थाने के चक्कर पर चक्कर लगाए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हारकर हम लोग 15 जून को बाराबंकी SP ऑफिस पहुंचे तब जाकर हमारी FIR दर्ज हुई। लेकिन उसके बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
मां ने देखा तो बच्ची के गले में फांसी का फंदा था
बच्ची की मां बताती हैं कि जब से मेरी बेटी के साथ ये हादसा हुआ तब से मैं उसे अपने पास ही सुलाती थी। उस रात भी वो मेरे पास ही सो रही थी। मुझे पता नहीं चला कि कब वो मेरे पास से उठकर दूसरे कमरे में चली गई।
22 जून की सुबह मैं उठी तो बच्ची मेरे पास नहीं थी। मैं आनन-फानन में पूरे घर में भागी। बेटी कहीं नजर नहीं आ रही थी। तभी मैं घर के पीछे वाले कमरे में गई तो मेरी बेटी एक काले दुपट्टे से फंदा बनाकर वहां लटकी हुई थी। हमने तुरंत उसे नीचे उतारा, लेकिन तब तक वो हमें छोड़कर जा चुकी थी।
पुलिस ने आरोपी के पैर में गोली मारी, उसे गिरफ्तार कर लिया
लड़की की आत्महत्या के बाद पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। गुरुवार देर रात पुलिस की टीम आरोपी सोनू को पकड़ने गांव में पहुंची। सोनू ने भागने की कोशिश की। पुलिस और आरोपी के बीच भागदौड़ में आरोपी के पैर में गोली लग गई। फिलहाल, पुलिस ने सोनू को गिरफ्तार कर लिया है। गांव वालों का कहना है कि उसकी पत्नी अपने तीन बच्चे को लेकर मायके चली गई। साथ में मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में SI योगेंद्र प्रताप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं लड़की के घरवाले चाहते हैं कि जैसे सोनू की वजह से अब वो अपनी बच्ची से कभी नहीं मिल सकते वैसे ही सोनू भी अपने बच्चों की शक्ल कभी देख ना पाए। वो अपने परिवार के पास कभी ना लौटे और उसे फांसी की सजा दी जाए।