बाराबंकी: मासूम भांजों को नहर में फेंकने के बाद ट्रेन से भागा था सगा मामा, सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
इंस्पेक्टर फतेहपुर अनिल पांडेय ने बताया कि फरार महेंद्र का सुराग मिल गया है। लापता होने के दिन सोमवार की रात 11 बजे उसको बाराबंकी जंक्शन पर पहुंचने, बाइक को स्टैंड में खड़ी करने और फिर प्लेटफॉर्म पर जाकर ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते हुए देखा गया है। स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में साफतौर पर महेंद्र की गतिविधियां कैद हुई है।
कोतवाली फतेहपुर के बसारा से दो भांजों को लेकर निकला मामा महेंद्र वर्मा अपनी फरारी के दिन ही बाराबंकी रेलवे स्टेशन आया था। अपनी बाइक को स्टैंड में खड़ी करने के बाद वह ट्रेन से निकल गया था। यह पुख्ता सबूत फतेहपुर की पुलिस ने जुटा लिए हैं। उसके गुजरात जाने की आशंका है। इसकी गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें गठित कर रवाना की गई है। यह बात भी काफी हद तक साफ हो गई है कि मामा ने ही अपने दो मासूम भांजों को नहर में फेंका था। फरार मामा को लेकर रहस्य पिछले छह दिनों से पुलिस के लिए सिरदर्द बना था। हत्यारोपित की तलाश के लिए पुलिस ने कम से कम 50 स्थानों पर नहर में जाल डाला था और इससे कहीं ज्यादा स्थान पर फोटो व पोस्टर के जरिए तलाश की जा रही थी।
इंस्पेक्टर फतेहपुर अनिल पांडेय ने बताया कि फरार महेंद्र का सुराग मिल गया है। लापता होने के दिन सोमवार की रात 11 बजे उसको बाराबंकी जंक्शन पर पहुंचने, बाइक को स्टैंड में खड़ी करने और फिर प्लेटफॉर्म पर जाकर ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते हुए देखा गया है। स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में साफतौर पर महेंद्र की गतिविधियां कैद हुई है।
ऐसे में साफ हो रहा है कि महेंद्र ट्रेन से कहीं पर चला गया है। उसकी तलाश के लिए सभी रेलवे स्टेशन के जीआरपी थानों पर फरार महेंद्र की फोटो भेजकर गिरफ्तार करने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि यह साफ हो चुका है कि महेंद्र ने ही अपने दोनों भांजों को जिंदा ही नहर में फेंका था। इंस्पेक्टर ने कहा कि महेंद्र के हिंसक हो जाने की भी उम्मीद है। ऐसे में जीआरपी को अलर्ट भी किया गया है।
जीजा ने ही साले के खिलाफ लिखाया था अपहरण का मुकदमा
कोतवाली देवा के खेवली निवासी अशोक कुमार ने बड़ी बेटी विनीता का विवाह फतेहपुर के बसारा में रामकिशोर के साथ किया था। पिछले दो माह से अशोक का बेटा महेंद्र वर्मा अपनी बसारा की बहन विनीता के घर पर रह रहा था। शाम करीब छह बजे महेंद्र अपने दो भांजों कृष्णा(सात) व दिव्यांश (चार) को बाइक पर बिठाकर समोसा दिलाने के बहाने लेकर निकला और फिर घर नहीं लौटा था। कुछ देर बाद ही महेंद्र का मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ हो गया था।
तलाश के दौरान यह पता चला था कि एक गांव में वह बच्चों के साथ देखा गया था। इसके बाद दोनों बच्चों के शव सतरिख थाना के भगवानपुर के पास शारदा नहर में मिले थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत की बात डॉक्टरों ने कहीं थी। इसके बाद से यह रहस्य बरकरार था कि कहीं नहर में दोनों भांजों को फेंकने के बाद खुद भी नहर में छलांग न लगी दी हो।
महज कुछ सौ रुपये न देने की रंजिश या उसका डिप्रेशन?
जांच में जुटी पुलिस के अनुसार महेंद्र का विवाह तीन साल पहले सादुल्लापुर सिहाली की अंजली से हुआ था। कुछ दिन बाद ही दोनों में विवाद हो गया था। मुकदमा कर देने से महेंद्र अवसाद में भी रहता था। सोमवार को दिन में ही महेंद्र ने अपनी बहन विनीता से बाइक की सर्विस कराने का जिक्र कर रुपये मांगे थे। विनीता ने पति के आने पर ही पैसा देने की बात कहीं गई थी। फिर शाम छह बजे महेंद्र अपने दोनों भांजों को बाइक पर बिठाकर गायब हो गया था। उसका नंबर भी स्विच ऑफ हो गया था।