चंदौली में पिता ने गला घोंटकर बीमार बेटी को मार डाला, कहा- भागदौड़ से हो गया था परेशान
चंदौली जिले के एक गांव में एक पिता ने अपनी मानसिक रूप से बीमार बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद पुलिस के सामने आत्महत्या की कहानी गढ़ी। इस पूरी घटना का खुलासा उस समय हुआ जब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सामने आई।
माता-पिता का ऐसा निष्ठुर चेहरा कभी-कभी ही दिखाई देता है। मजबूरी या फिर कुछ और बात रहा हो घटना दिल को दहला देने वाली है। चंदौसी हुदहुदीपुर गांव निवासी मनोज कुमार सिंह ने खुद अपनी बिटिया मोनी सिंह (16) की गला घोंट हत्या कर दी। 14 सितंबर की इस घटना को उन्होंने पुलिस से आत्महत्या बताया पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की बात आई। पुलिस ने पिता को पकड़ा तो पिता ने जुर्म कबूल कर लिया। कहा कि बेटी मानसिक रूप से बीमार थी। उसके भागदौड़ से परेशान होकर उसका गला दबाकर हत्या कर दी।
बलुआ इंस्पेक्टर राजीव सिंह ने बताया कि 14 सितंबर को थाना क्षेत्र के हुदहुदीपुर गांव के कुछ लोगों ने एसपी अंकुर अग्रवाल को फोन कर किसी किशोरी की मौत की सूचना दी थी। जिसके बाद बलुआ पुलिस मौके पर पहुंची। उस समय मोनी का शव पड़ा हुआ था। पिता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि किशोरी ने बाथरूम में कुंडी के सहारे आत्महत्या की है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट काफी चौंकाने वाला
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो आया वह काफी चौंकाने वाला था। डॉक्टरों ने बताया कि किशोरी की मौत आत्महत्या से नहीं बल्कि गला दबाने से हुई है। पुलिस का शक गहराया। सबसे बड़ी बात कि गांव का कोई भी शख्स इसके लिए आगे आने को तैयार नहीं था। फिर चौकी इंचार्ज शिवमणि तिवारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ।
इंस्पेक्टर राजीव सिंह ने बताया कि विवेचना मैने ही की। शुक्रवार को मोहर गंज इलाके से पुलिस ने मनोज सिंह को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने पुलिस के सामने उसने अपना जुर्म स्वीकार किया है और कहा कि उसकी पुत्री मानसिक मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और वह इलाज कराते कराते परेशान हो गए थे। दो साल से उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी।
वह इधर-उधर भागती रहती थी, जिसके कारण वह हमेशा परेशान रहता थे। उसी के कारण 14 सितंबर को उसकी हत्या कर दी थी और घटना को छुपाने के लिए खुद पुलिस को आत्महत्या की गलत सूचना दी। पिता को गिरफ्तार का पुलिस विधिक कार्रवाई कर रही है।