गाजियाबाद: सीए और मैनेजर के घर मेड बनकर गई, 3 दिन के भीतर डेढ़ करोड़ का माल उड़ाया
चंडीगढ़ के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बतौर मैनेजर कार्यरत निधि कैला निवासी सेक्टर-8 ने बताया कि उनके यहां दोनों महिलाएं मां-बेटी बनकर 6 जून की सुबह लगभग पौने 9 बजे काम मांगने आई थीं। इत्तेफाक से 3 दिन पहले ही उनकी कामवाली अपने गांव गई थी। इसके चलते उन्हें भी काम वाली की आवश्यकता थी।
इंदिरापुरम की एटीएस सोसायटी में चोरी करने में गिरफ्तार हुई महिला पूनम के और भी कारनामे सामने आने लगे हैं। अब पता चला है कि आरोपी ने चंडीगढ़ और पानीपत में भी लोगों के घरों में घुसकर लाखों की जूलरी व कैश उड़ा लिए। 6 जून को उसने चंडीगढ़ में एसबीआई की मैनेजर के घर से महज 2 घंटे में ही 15 लाख के जेवर चोरी कर लिए। वहीं, पानीपत में अधिवक्ता व चार्टर्ड अकाउंटेंट के घर से तीन दिन में 75 लाख की नकदी व 30 लाख रुपये की जूलरी साफ कर दी। पानीपत पुलिस गाजियाबाद गाजियाबाद आकर जल्द ही आगे की कार्रवाई करेगी। जिससे चोरी के माल के बारे में जानकारी मिल सके। क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि पूरे मामले को लेकर इंदिरापुरम पुलिस अन्य राज्यों के संबंधित थानों की पुलिस के संपर्क करने में लगी है।
प्रेस वाले से जानकारी लेकर पहुंच गई सीए के यहां मेड बनकर
पानीपत के सेक्टर-11 स्थित चांदनीबाग निवासी जतिन रहेजा ने बताया कि वह पेशे से वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्हें पता चला कि गाजियाबाद में पकड़ी गई पूनम वही है, जिसने उनके घर में चोरी की है तो उन्होंने गाजियाबाद पुलिस से संपर्क साधा। उन्होंने बताया कि इसी महिला ने 12 जून को उनके घर भी मेड बनकर आई और महज 3 दिन में ही 75 लाख रुपये की नकदी व लगभग 30 लाख रुपये के जेवर और जमीन से संबंधित कागजात चोरी कर लिए। उन्होंने संबंधित थाने में इसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि घर के बराबर में प्रेस का ठिया लगाने वाले से पूछकर वह उनके यहां काम मांगने आई थी। इस दौरान दो दिन तक उससे लगातार आईडी मांगी गई, लेकिन कोई न कोई बहाना बनाकर टरकाती रही। तीसरे दिन सुबह वारदात कर फरार हो गई। दोनों ने खुद को मां बेटी बताया था। जतिन ने बताया कि गाजियाबाद में पकड़ी गई महिला कहीं अपना नाम पूनम तो कहीं पीहू व कहीं काजल बताती है।
मैनेजर के घर बताया कि किसी जानकार महिला ने भेजा है
चंडीगढ़ के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बतौर मैनेजर कार्यरत निधि कैला निवासी सेक्टर-8 ने बताया कि उनके यहां दोनों महिलाएं मां-बेटी बनकर 6 जून की सुबह लगभग पौने 9 बजे काम मांगने आई थीं। इत्तेफाक से 3 दिन पहले ही उनकी कामवाली अपने गांव गई थी। इसके चलते उन्हें भी काम वाली की आवश्यकता थी। महिला ने खुद का नाम कमला और बेटी बताते हुए उसका नाम पीहू बताया था। इस दौरान जब दोनों से पूछा गया कि किसने भेजा है तो वह दोनों बार-बार किसी मीना नामक महिला का नाम बताने लगी। दोनों से मोबाइल नंबर मांगा तो उन्होंने बाद में देने की बात कहकर टाल दिया। फिर भी उन्होंने काम होने के चलते दोनों को उनका काम देखने के बहाने रख लिया। ठीक 10 बजे वह अपने ड्यूटी चली गई और पौने 11 बजे काम वाली दोनों महिलाएं कमला व पीहू भी चली गई। बाद में पता चला कि दोनों महिलाएं उनके घर से लगभग 15 लाख रुपये के जेवरात व नकदी लेकर फरार हो गई।
2017 से 2020 तक जेल में रही, वहीं हुआ बच्चा
अधिवक्ता जतिन रहेजा ने बताया कि उन्होंने पूरे मामले में छानबीन शुरू की तो उन्हें पता चला कि पूनम उर्फ काजल उर्फ पीहू साल 2017 से 2020 तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में रही है। इस दौरान उसका बच्चा भी जेल में ही हुआ था। उन्होंने बताया कि यह भी सुनने में आया है कि जब भी वह पकड़ी जाती रही है तब-तब उसकी जमानत कुछ ही घंटों में होती रही है।