गाजियाबाद में 10 साल से कर रहे थे चोरी, 500 गाड़ियों को लगाया ठिकाने... ऐसे गिरफ्त में आए 3 बदमाश
गाजियाबाद में वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने वाहन चोरी मामले में 3 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। 10 साल में 500 गाड़ियों को चोरी कर ठिकाने लगाने का आरोप उन पर लगा है। पुलिस अभी इस गैंग के 4 सदस्यों की तलाश कर रही है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के साहिबाबाद में वाहन चोर के एक बड़े गैंग का पर्दाफाश हुआ है। यह गैंग 10 सालों से इलाके में गाड़ियों की वारदात को अंजाम दे रहा था। अब पुलिस के हत्थे चढ़ा है। 10 साल में 500 वाहन चोरी कर चुके गैंग के 3 शातिर बदमाशों को पुलिस ने सोमवार को लाजपत नगर कट से गिरफ्तार किया है। इनमें एक महिला भी शामिल है। ये वाहनों को चुराकर उन्हें दिल्ली-एनसीआर से सटे राज्यों में बेच दिया करते थे। यही नहीं वाहनों की नंबर प्लेट बदलकर उन्हें दूसरे वाहन चोरी करने में भी इस्तेमाल करते थे। ये लोग कार या कैंटर के फर्जी कागजात और आरसी बनवाने में भी माहिर थे। हालांकि यह सब कैसे करते थे और इसमें कौन लोग इनकी मदद करते थे, पुलिस इसका पता लगा रही है। पूछातछ में इन्होंने थाना टीलामोड़ से चोरी कैंटर और अन्य वाहनों के साथ 4 चोरियों का खुलासा हुआ है। एक ब्रेजा कार भी पुलिस ने इनसे बरामद की है। फिलहाल गैंग के 4 अन्य सदस्यों की पुलिस तलाश कर रही है।
मुख्य सरगना पर 35 केस हैं दर्ज
एसपी सीटी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर सभी को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से सालिम मुख्य सरगना है। इस पर 35 केस दर्ज हैं। दिल्ली से कई बार जेल भी जा चुका है। दूसरा जमशेद है, इस पर 5 केस दर्ज हैं। इनके साथ में महिला भी गिरफ्तार की गई है, वह गुलजार की पत्नी है। सभी संभल के मूल निवासी हैं। फिलहाल ये जनता फ्लैट दिल्ली ओखला में रह रहे थे। उन्होंने बताया कि ये सभी बबलू प्रधान गैंग के सदस्य हैं। उसी के साथ मिलकर चोरी किए गए वाहनों को ठिकाने लगाते थे।
कई चोरियों का हुआ खुलासा
एसपी सीटी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि हाल ही में 3 कैंटर चोरियों का खुलासा हुआ है। साथ हो कार चोरियों का भी पता चला है। बदमाशों ने पूछताछ के दौरान खुद ही कबूल किया है। उन्होंने बताया कि 25 मई को भोपुरा स्थित केनरा बैंक के सामने से इन्होंने कैंटर चोरी किया था। 18 जून को तुलसी निकेतन पार्क के पास से कार चोरी की थी। थाना टीला मोड से 25 मई और 28 जून को चोरी हुए वाहनों का भी खुलासा हुआ है। चोरों ने ब्रेजा कार की मदद से 24 अगस्त को अराधना सिनेमा के सामने से और 29 अगस्त को किसान टिंबर के सामने से आयशर कैंटर चोरी किया था।
जमशेद चोरी की गाड़ियों को अपने साथ लेकर गया था। सालिम ब्रेजा कार से गया था। अगले दिन सभी वाहनों को सलीम खान उर्फ बिट्टू को जैतपुर दिल्ली ले जाकर दे दिए गए। बबलू प्रधान की मदद से सलीम इन गाड़ियों को ठिकाने लगता था। पूछताछ में उन्होंने बताया कि चोरी करने में वैगनआर कार और ब्रेजा कार का उपयोग करते थे। चोरी करते ही कार की नंबर प्लेट की अदला-बदली कर देते थे।
दिल्ली के रास्ते निकलते थे चोरी किए वाहन
पुलिस ने बताया कि गैंग के शातिर सदस्य चोरी किए गए वाहनों को दिल्ली के रास्ते गाजियाबाद, यूपी से बाहर निकालने का काम करते थे। इसके बाद दिल्ली और इसके आसपास के राज्यों, शहरों में लेजाकर बेच देते थे। गैंग किसे वाहन बेचता था। उसके बाद वाहनों का क्या किया जाता था, पुलिस इसकी भी जानकारी हासिल कर रही है।
पुलिस से बचने के लिए ये ट्रिक
एसपी सिटी ने बताया कि शातिर गैंग के सदस्य वाहन चोरी के दौरान किसी की नजरों में न आएं, बचाव के लिए महिला को साथ में रखते थे। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार महिला की शादी करीब 4 साल पहले गुलजार के साथ हुई थी। इसके बाद इसे भी तुरंत गैंग में शामिल कर लिया। आगे भी उद्देश्य यही था कि महिलाओं की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि लोगों की और पुलिस की नजरों से बचे रहें।
मास्टर की बनाने में थे माहिर
बदमाशों ने पूछाताछ में बताया कि वे लग्जरी कारों से चोरी करने जाते थे। चोरी करने से पहले कई दिन तक रेकी करते थे। उसके बाद उसे मास्टर चाबी से खोल लेते। ये डूप्लिकेट चाबी बनाने में भी माहिर थे। वाहनों के फर्जी कागजात बनाना, चेसिस नंबर बदलना, जरूरी सामान बेचना, ये सभी काम भी चोरी के वाहनों को दिल्ली ले जाकर किए जाते थे। जिस ठिकाने की तलाश की जा रही हैं। आरोपियों के पास से एक ब्रेजा कार, 2 नंबर प्लेट, एक फर्जी आरसी व 1800 नशीली गोलियां बरामद की गई हैं।