गोरखपुर: BRD मेडिकल कॉलेज में गर्भवती को पांच घंटे तक नहीं मिला इलाज, तड़पकर हुई मौत
मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक इस दौरान पुलिसकर्मियों ने परिजनों को समझाया-बुझाया जिसके बाद परिजन मुकदमा दर्ज कराने से पीछे हट गए।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। आरोप है कि शुक्रवार को सिद्धार्थनगर से इलाज कराने पहुंची गर्भवती को पांच घंटे तक इलाज ही नहीं मिला। इस दौरान डॉक्टर व कर्मचारी ओपीडी का पर्चा बनवाने के लिए उसे एक काउंटर से दूसरे काउंटर दौड़ाते रहे। इलाज के अभाव में गर्भवती की तड़प कर मौत हो गई।
जमकर हुआ हंगामा
बताया गया कि गर्भवती चंद्रा त्रिपाठी को शुक्रवार को उसके पति संदीप और भाई बृहस्पति त्रिपाठी लेकर बीआरडी पहुंचे थे। पहले उन्होंने सुपर स्पेशियलिटी में ओपीडी का पर्चा कटवाया। वहां इलाज नहीं मिला। फिर मेडिसिन में इलाज कराने के लिए दोबारा पर्चा कटवाने के लिए कतार में लगे रहे। इस दौरान पुराने ओपीडी के पास गर्भवती दर्द से कराहती रही। गर्भवती की मौत के बाद परिजन पुराने ओपीडी पर्चा काउंटर के पास हंगामा करने लगे। उनके समर्थन में इलाज कराने पहुंचे दूसरे मरीजों के तीमारदार भी जुट गए।
विवाद बढ़ता देखकर कॉलेज प्रशासन बैकफुट पर आ गया। किसी ने मामले की सूचना पुलिस को दी। मेडिकल कॉलेज के चौकी इंचार्ज अतुल सिंह दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक इस दौरान पुलिसकर्मियों ने परिजनों को समझाया-बुझाया जिसके बाद परिजन मुकदमा दर्ज कराने से पीछे हट गए। गर्भवती की मौत के बाद बीआरडी प्रशासन की संवेदनशीलता जगी। बीआरडी प्रशासन ने एंबुलेंस मुहैया कराया, जिससे परिजन शव लेकर वापस गांव चले गए।
सांस लेने में हो रही थी तकलीफ
पति संदीप त्रिपाठी ने बताया कि पत्नी सात महीने की गर्भवती थी। गुरुवार की रात में सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके साथ ही उसके पेट में दर्द हो रहा था। पहले उसे लेकर सिद्धार्थनगर के जिला अस्पताल पहुंचे। वहां इलाज से आराम नहीं मिला। शुक्रवार के तड़के डॉक्टरों ने गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया, जहां एक विभाग से दूसरे विभाग का चक्कर लगाते रहे। संदीप ने बताया कि सुबह सात बजे पत्नी को लेकर बीआरडी के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। पहले मरीज को मेडिसिन वार्ड में भेजा गया। जहां मौजूद डॉक्टर व कर्मचारियों ने हृदयरोग विभाग में इलाज कराने की सलाह दी। इसके बाद मेडिसिन वार्ड से कराहती गर्भवती को लेकर सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में पहुंचे। यहां दो घंटे की कवायद के बाद ओपीडी पर्चा बना। फिर कतार में लगकर डॉक्टर के पास पहुंचे।
हृदयरोग विभाग के डॉक्टर ने जांच कर बताया कि मामला मेडिसिन का है। इसे फौरन मेडिसिन विभाग के 14 नंबर वार्ड में ले जाओ। वार्ड में कर्मचारियों व डॉक्टरों ने सीधे भर्ती करने से इनकार दिया। उन्होंने कहा कि ओपीडी का समय है। पर्चा बनवाकर डॉक्टर से लिखवालों। इसके लिए एक बार फिर ओपीडी की कतार में लगा। इसी दौरान पत्नी की मौत हो गई।
एसआईसी ने दिलाई एंबुलेंस
परिजनों के विलाप को देखकर भीड़ जुट गई। मामले की जानकारी प्रभारी प्राचार्य डॉ. पवन प्रधान और एसआईसी डॉ. राजेश राय को हुई। एसआईसी ने फौरन शव को सिद्धार्थनगर भिजवाने के लिए बीआरडी की एंबुलेंस मुहैया कराई। उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी नहीं थी। बस एक मरीज के मौत की सूचना मिली थी। ऐसे में संवेदनशीलता दर्शाते हुए परिजनों को शव पहुंचालने के लिए एंबुलेंस को मुहैया करा दिया। प्रभारी का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है।