इंडिया गठबंधन को एक और बड़ा झटका लगना तय है। रालोद के एनडीए में जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। दिल्ली में जयंत चौधरी ने भाजपा नेताओं से मुलाकात की है। मुजफ्फरनगर और हाथरस सीट को लेकर सपा और रालोद के बीच दूरियां बन गई।
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन को एक और झटका लगना करीब-करीब तय है। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के मुखिया चौधरी जयंत सिंह न सिर्फ भाजपा के संपर्क में हैं, बल्कि तीन सीटों पर सहमति होने का भी दावा किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक रालोद ने भाजपा से कैराना, अमरोहा, बागपत, मथुरा व मुजफ्फरनगर सीट मांगी थी। भाजपा इनमें से कैराना, अमरोहा और बागपत सीट देने के लिए तैयार है। मथुरा व मुजफ्फरनगर सीट पर पेच फंसा है। एनडीए गठबंधन में मंत्री पद भी मिलने की संभावना है।
सपा से बनते-बनते यूं बिगड़ी बात
भाजपा पश्चिमी यूपी में मुस्लिम बहुल सीटों के लिए रालोद को साधना चाहती है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव रालोद से गठबंधन की घोषणा कर चुके हैं। सीटें चिह्नित करने और सपा की ओर से तीन सीटों पर रालोद के चुनाव निशान पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की शर्त पर पेच फंस गया।
सपा चाहती है कि कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में प्रत्याशी सपा का हो, जो रालोद के चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरे। सपा के समक्ष मुजफ्फरनगर सीट पर रालोद ने दावा ठोका था, जहां बीते चुनाव में दिवंगत अजीत सिंह महज छह हजार मतों से हार गए थे।
रालोद नेताओं ने कैराना और बिजनौर सीट सपा के बताए प्रत्याशियों को देने पर सहमति भी दे दी थी। लेकिन मुजफ्फरनगर और हाथरस सीट को लेकर दोनों दलों के बीच दूरियां बन गई। इसी दौरान चर्चा शुरू हो गई कि रालोद अध्यक्ष की भाजपा से गठबंधन की बात हुई है।
बातचीत की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन सियासी गलियों में सबने अपने-अपने समीकरण लगाने शुरू कर दिए। रालोद नेतृत्व ने अभी तक न तो इन्कार किया और न ही इकरार, जिस कारण चर्चाओं ने दिनभर तेजी पकड़ी।
रालोद विधायक जा सकते हैं दिल्ली
दो दिन पहले रालोद विधायकों को सत्र बीच में ही छोड़कर दिल्ली से बुलावा आया था। इस मुलाकात को गठबंधन से जोड़कर देखा गया। लेकिन इसी दौरान दिल्ली से दोबारा संदेश दिया गया कि अभी इंतजार करें। माना जा रहा है कि रालोद नेतृत्व अपने विधायकों से अलग-अलग राय लेकर ही अगला कदम उठाएगा।
सीटों पर नहीं, भारत रत्न पर भी बात
सियासी गलियों में चर्चा यह भी है कि रालोद मथुरा, बागपत, बिजनौर समेत चार सीटों पर सहमति देने के लिए तैयार है। लेकिन साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग भी रखी जा रही है। साथ ही प्रदेश सरकार में हिस्सेदारी भी रालोद चाहता है।
गणतंत्र दिवस के बाद एक्स पर कोई पोस्ट नहीं
रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने गणतंत्र दिवस के बाद एक्स पर भी कोई पोस्ट नहीं की है। इसी दौरान छपरौली में 12 फरवरी के कार्यक्रम को भी पीछे हटा दिया गया। रालोद नेताओं ने अपने हिस्से में आई सभी सीटों पर जो सर्वे कराया, उसमें अपने ही प्रत्याशी लड़ाने की बात भी सामने आई थी। जिसके बाद असमंजस की स्थिति है।
एनडीए में जाने की खबरें बेबुनियाद : रामाशीष
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय का कहना है कि रालोद के एनडीए में जाने की बात कोरी अफवाह है। रालोद पूरी दृढ़ता से साथ इंडिया गठबंधन का हिस्सा है।