नेपाल से बिहार के रास्ते गोरखपुर-लखनऊ होते हुए कानपुर पहुंची 60 लाख की चरस, तीन तस्कर गिरफ्तार
कानपुर एसटीएफ ने 60 लाख की चरस बरामद की है। इसके साथ ही तीन तस्करों को अरेस्ट किया है। तीनों तस्कर बिहार से मादक पदार्थ लेकर कानपुर पहुंचे थे। एसटीएफ तीनों से पूछताछ कर रही है।
कानपुर मादक पदार्थों का हब बनता जा रहा है। नेपाल से आने वाले गांजे और चरस की खेप को पहले कानपुर लाया जाता है। इसके बाद यहां से आसपास के जिलों में सप्लाई किया जाता है। कानपुर एसटीएफ ने 60 लाख की चरस के साथ तीन तस्करों को दबोचा है। पकड़े गए तस्कर मादक पदार्थ लेकर बिहार, गोरखपुर, लखनऊ होते हुए कानपुर पहुंचे थे। एसटीएफ ने इनके पास से लगभग 12 किलोग्राम चरस बरामद की है। इंटरनेशनल मार्केट में चरस की कीमत लगभग 60 लाख से अधिक से बताई जा रही है।
कानपुर एसटीएफ को सूचना मिली थी कि तस्कर नेपाल से बिहार के रास्ते होते हुए चरस की खेप लेकर कानपुर आ रही है। एसटीएफ कानपुर प्रभारी लान सिंह ने तस्करों को दबोचने के लिए घेराबंदी की थी। सोमवार देर शाम तीनों तस्कर बिधनू नहरिया के पास पहुंचे थे। वैसे ही एसटीएफ ने सुशील मिश्रा, सुनीता और सुमित्रा देवी को अरेस्ट कर लिया। इनके पास से तीन मोबाइल फोन, 7500 रुपये और 12.170 किलोग्राम चरस बरामद किया है।
नेपाल से एजेंट लेकर आता था खेप
एसटीएफ की पूछताछ में सुशील मिश्रा ने बताया कि नेपाल से शम्भू प्रसाद नाम का शख्स चरस की खेप लेकर बिहार के मोतिहारी तक पहुंचाता था। इसके बाद बिहार, गोरखपुर होते हुए कानपुर पहुंचे थे। सुशील कानपुर और आसपास के जिलों में चरस की सप्लाई करता था। इसकी सहयोगी सुनीता और सुमित्रा इस काम में मदद करती थीं। सुनीता और सुमित्रा एक जगह से दूसरी जगह चरस पहुंचाने का काम करती थीं।
तस्करी में जा चुके हैं जेल
सुशील नेपाल से कम दाम में चरस लेकर आता था। इसके बाद छोटी-छोटी पुड़िया और बंडल बनाकर कई गुना महंगे दाम में बेचकर मुनाफा कमाता था। सुशील चार साल पहले मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में कोहना थाना से जेल भेजा गया था। वहीं, सुनीता भी चौबेपुर थाने से जेल जा चुकी है।