BJP विधायक अरविंद गिरि की हार्ट अटैक से मौत, लखीमपुर से लखनऊ जा रहे थे, कार में हुए बेहोश; पांचवीं बार बने थे MLA
परिजनों ने उन्हें सीतापुर के अटरिया के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आज उनके शव को गोला लाया जा रहा है।
लखीमपुर के गोला विधानसभा से भाजपा विधायक अरविंद गिरि की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। सोमवार देर रात घर पर ही उनकी तबीयत खराब हो गई थी। परिजन इलाज के लिए पहले स्थानीय अस्पताल ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद घर वाले उन्हें बेहतर इलाज के लिए लखनऊ लेकर निकले थे।
बताया जा रहा है कि वह सिधौली के पास पहुंचे ही थे तभी गाड़ी में विधायक बेहोश हो गये। परिजनों ने उन्हें सीतापुर के अटरिया के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आज उनके शव को गोला लाया जा रहा है।
डॉक्टर बोले- हॉस्पिटल आने से पहले हो चुकी थी मौत
हिंद हॉस्पिटल के प्रिंसिपल यूबी मिश्रा ने बताया, "हमारी इमरजेंसी में वह 7.20 बजे लाए गए थे। यहां आने के बाद उनका पूरा चेकअप हुआ है। पूरा डिटेल इग्जामिनेशन हुआ। उनकी ईसीजी भी की गई। कई जांचे की गई। हालांकि, जांच में यह पाया गया कि वह मृत अवस्था में ही थे। यहां लाने से पहले ही उनकी डेथ हो चुकी थी। इसकी पुष्टि हमारे डाक्टरर्स ने जांच के आधार पर की। इस तरह की जो अचानक से मौत होती है तो इसमें अचानक हार्ट अटैक आता है। जिससे मरीज की मौत हो जाती है।"
दिनेश शर्मा श्रद्धांजलि देने गोला जाएंगे
पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा विधायक को श्रद्धांजलि देने गोला जाएंगे। बताया गया कि वह सुबह पहले बाराबंकी में पूर्व विधायक के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करेंगे। उसके बाद सड़क मार्ग से गोला जाएंगे। दोपहर तकरीबन 3 बजे के आसपास दिनेश शर्मा गोला पहुंच कर परिवार से शोक संवेदना प्रकट करेंगे।
सपा से तीन बार तो भाजपा से दो बार रहे विधायक
30 जून 1958 को जन्मे अरविंद गिरि ने अपने राजनीति सफर की शुरुआत 1994 में समाजवादी पार्टी से की थी। 1995 में वह रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीतकर गोला पालिकाध्यक्ष बने थे। इसके बाद 1996 में पहली बार सपा के टिकट पर 49 हजार मत पाकर विधायक बने। 2000 में वह दोबारा पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष बने।
2002 में सपा के टिकट पर अरविंद गिरि दूसरी बार विधायक बने। 2005 में सपा शासनकाल में उन्होंने अपने भाई की पत्नी अनीता गिरि को जिला पंचायत अध्यक्ष अध्यक्ष निर्वाचित कराया। 2007 में नगर पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष पद पर पत्नी सुधा गिरि को जिताया। फिर 2007 में ही 58 हजार मत पाकर तीसरी बार विधायक बने। 2012 का चुनाव भी वह बसपा के टिकट पर जीते।
लेकिन 2017 में अरविंद गिरि ने पाला बदल लिया और बीजेपी के साथ आ गए। बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया और वह गोला विधानसभा से चौथीं बार विधायक बने। 2022 में भी भी अरविंद गिरि ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता।
2022 विधानसभा चुनाव में 29 हजार वोटों से जीते थे
2022 में हुए विधानसभा चुनाव में गोला विधानसभा से भाजपा के अरविंद गिरि ने सपा के विनय तिवारी को 29294 वोट से हराकर लगातार दूसरी बार जीत हासिल की थी। अरविंद गिरि को 126534 वोट मिले थे। जबकि विनय तिवारी को 97240 वोट मिले थे।
6 भाईयों में चौथे नंबर पर थे अरविंद गिरि
गोला विधानसभा क्षेत्र से विधायक दिवंगत अरविंद गिरि 6 भाई में चौथे नंबर पर थे। भाइयों के नाम जनार्दन गिरी, मकसूदन गिरी, अजय गिरी, धर्मेंद्र गिरी हैं। इनमें एक भाई की पहले ही मौत हो चुकी है।
एक बेटा-दो बेटियां हैं, एक बेटी आर्मी में कैप्टन
विधायक का एक बेटा और दो बेटी हैं। बेटा अमर राजनीत से अभी दूर है, दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। एक बेटी आर्मी में कैप्टन है। मौत की खबर सभी स्तब्ध हैं। बेटियां गोला के लिये निकल चुकी हैं। अभी रास्ते में ही हैं। विधायक का पार्थिव शरीर अभी उनके पैतृक निवास मोहल्ला तीर्थ पर नहीं पहुंचा है।
सोमवार को कॉरीडोर के लिए अधिकारियों संग किया था सर्वे
सोमवार को शिव मंदिर कॉरीडोर निर्माण के लिए विधायक अरविंद गिरि ने सीडीओ के साथ मिलकर सर्वे किया था। सीडीओ के नेतृत्व में आई कई विभागों के अधिकारियों की टीम ने सर्वे कर खाका खींचा था। सर्वे के दौरान अरविंद गिरी बिल्कुल स्वस्थ दिखाई दे रहे थे।
बाबा विश्वनाथ की तर्ज पर छोटी काशी में कॉरीडोरी बनवाना चाहते थे
गोला गोकर्णनाथ को छोटी काशी बोला जाता है। यहां से पांचवी बार बने विधायक अरविंद गिरि बाबा विश्वनाथ की तरह यहां भी कॉरीडोर बनवाना चाहते थे। विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम योगी ने यहां घोषणा भी की थी। सोमवार को अधिकारियों के साथ मिलकर अरविंद गिरि ने इसका सर्वे किया था।