10 मार्च के बाद आंदोलन का ऐलान, नई सरकार को झेलना पड़ सकता है विरोध
10 मार्च के बाद रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर प्रदेश में आंदोलन करेगा कर्मचारी संगठन
उत्तर प्रदेश में आने वाली नई सरकार को कर्मचारी आंदोलन का विरोध झेलना होगा। रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर कर्मचारी संगठन आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे। ऐसे में 10 मार्च के बाद कोई भी सरकार आए लेकिन कर्मचारी प्रदेश के सभी विभागों में खाली रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर आंदोलन तेज करेंगे। सोमवार को लोक निर्माण विभाग में बैठक कर कर्मचारियों ने यह फैसला लिया। उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ ने रिक्त पदों को भरने करी मांग की है।
महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने बताया कि चतुर्थ श्रेणी वर्ग के खाली पड़े चार लाख से ज्यादा पदों को भरने की मांग तेज की जाएगी। प्रदेश में 200 से ज्यादा विभागों में चार लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों के पद खाली है। इनको भरने के लिए हाईकोर्ट भी आदेश दे चुका है। बावजूद उसके कर्मचारियों के पदों पर साल 2008 के बाद पद नहीं भरे गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले सभी विभागों से डेटा एकत्र किया जा रहा है। वहां से आंकड़ा आने के बाद उसको शासन के सामने रखा जाएगा। उसके बाद भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो प्रदेश का कर्मचारी संवर्ग एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगा।
संगठन के महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने बताया कि सरकार कर्मचारियों की समस्याओं की तरफ बिलकुल ध्यान नही दे रही है। केवल जुमला बाजी हो रही है। आने वाले दिनों में सरकार को कर्मचारियों की नाराजगी झेलनी होगी। कर्मचारियों की तमाम समस्याएं लम्बित है। कर्मचारी पिछले दो साल से वेतन बढ़ाने, रिक्त पदों को भरने समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। नियमित भर्ती न कर विभागों में संविदा और आउट सोर्सिंग के माध्यम से नौकरी दी जा रही है। जहां महज आठ से 12 हजार रुपए पर कर्मचारी को काम करना पड़ता है। उसमें भी उनको कभी भी नौकरी से निकाला जा सकता है। नगर निगम लखनऊ में अपने यहां से 1944 कर्मचारियों को बाहर करने का फैसला किया है, कर्मचारी संगठनों ने इसका भी विरोध किया है।