लखनऊ: कलेक्ट्रेट कोषागार में 1.42 करोड़ का पेंशन घोटाला करने वाली निलंबित लेखाकार गिरफ्तार
लखनऊ कलेक्ट्रेट कोषागार में 1.42 करोड़ रुपये का पेंशन घोटाला करने वाली निलंबित लेखाकार रेणुका राम को कैसरबाग पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि फर्जी खाते खोलकर कई वर्ष से घोटाला कर रही थी। इंस्पेक्टर सुधाकर सिंह ने बताया कि कोषाधिकारी राहुल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। बता दें कि उच्चाधिकारियों को शक हुआ तो जांच शुरू हुई थी।
कलेक्ट्रेट कोषागार में 1.42 करोड़ रुपये का पेंशन घोटाला करने वाली निलंबित लेखाकार रेणुका राम को कैसरबाग पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि फर्जी खाते खोलकर कई वर्ष से घोटाला कर रही थी। इंस्पेक्टर सुधाकर सिंह ने बताया कि कोषाधिकारी राहुल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि डालीगंज के कुतुबपुर की रेणुका राम के पास पेंशन और पारिवारिक पेंशन से जुड़े मामलों की जिम्मेदारी थी।
सितंबर 2014 में पहले पीएनबी, फिर 20 जून, 2017 को इंडियन ओवरसीज बैंक की पेंशन के भुगतान की जिम्मेदारी थी। आरोपित महिला लेखाकार ने दोनों बैंकों में भतीजे विशाल, चचेरी बहन गुलभी, चाची रामरती के साथ प्रतींद्र कश्यप के नाम से भी खाता खुलवाया था। इन खातों में फर्जी पीपीओ नंबर के जरिए पेंशन और पारिवारिक पेंशन भेजी जाने लगी। उच्चाधिकारियों को शक हुआ तो जांच शुरू हुई।
जीवन प्रमाण पत्र पर दर्ज पते 6/22 विपुल खंड पर पहचान अभिलेखों के साथ सत्यापन के लिए विशाल नहीं आया। फर्जीवाड़े का राजफाश होने पर विशाल के खाते को फ्रीज कराया। जांच टीम पैतृक निवास महाराजगंज पहुंची, जहां विशाल ने बताया कि उसे कोई पेंशन नहीं मिली और न ही कोई आवेदन किया था। उसके मुताबिक चचेरी मौसी रेनू ने करीब आठ वर्ष पहले आधार कार्ड की कापी व फोटो लेते हुए पेपर पर हस्ताक्षर करवाए थे। उसके बाद से कभी लखनऊ नहीं गया।
विशाल की पारिवारिक पेंशन की शुरुआत इंडियन ओवरसीज बैंक हजरतगंज में की गई थी। बैंक से जब खाते की जानकारी ली गई तो वह किसी प्रतींद्र कश्यप निवासी कैसरबाग के नाम पर मिला। इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। अब तक किया 1.42 करोड़ का गबनकोषाधिकारी राहुल सिंह ने बताया कि पेंशनर विशाल की चचेरी मौसी रेणुका राम हैं।
अन्य सभी नामजद आरोपित विशाल, गुलभी, रामरती सभी इसके रिश्तेदार हैं। इनके नाम से खाते खुलवाकर फर्जी पीपीओ नंबर के जरिए अब तक 1.42 करोड़ का गबन किया गया था।सभी बैंक खातों की जांच करवाईघोटाले से पर्दा उठा तो सीटीओ ने सभी पेंशनरों की जांच के आदेश दिए हैं। पीएनबी, इंडियन ओवरसीज के अलावा उन बैंकों की भी जांच शुरू हुई है, जिसमें उत्तर प्रदेश के लाखों रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन आती है।