उत्तर-प्रदेश: पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष की केंद्र से मांग- सियासी मौलानाओं की कराई जाए संपत्ति की जांच
आल इंडिया मंसूरी समाज के संस्थापक व पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सियासी मौलानाओं की संपत्ति की जांच ईडी व सीबीआई तथा आयकर विभाग से करवाई जाएं। उन्होंने आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और उससे जुड़े तमाम मुस्लिम संगठनों व मौलानाओं को आड़े हाथों लिया।
आल इंडिया मंसूरी समाज के संस्थापक व पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सियासी मौलानाओं की संपत्ति की जांच ईडी व सीबीआई तथा आयकर विभाग से करवाई जाए। उन्होंने आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और उससे जुड़े तमाम मुस्लिम संगठनों व मौलानाओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह मौलाना देश के 85 प्रतिशत पसमांदा मुसलमानों को समान नागरिक संहिता से भयभीत करने की साजिश रच रहे हैं। अब ऐसे मौलानाओं को बेनकाब किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के मुसलमान बकरीद के दिन का स्वीडन में हुई कुरान शरीफ को अपमानित करने की घटना से गम और गुस्से में हैं। पूरी दुनिया की सरकारें स्वीडन सरकार की कड़े शब्दों में निंदा कर रही हैं, ऐसे वक्त में एआईएमपीएलबी और उससे जुड़े तमाम मुस्लिम संगठन और मौलानाओं ने न तो इस घटना की निंदा की और न ही स्वीडन सरकार के खिलाफ कुछ बोला।
नेताओं के साथ सौदेबाजी करते हैं स्वयंभू मौलवी
मंसूरी ने कहा कि हिंदुस्तान में ऐसे स्वयंभू मौलवी व शहर काजी हैं जो ईद-बकरीद को मुसलमान कौम के लोगों के सिर गिनवा करके सत्ताधारी पार्टियों के नेताओं के साथ सौदेबाजी करते हैं। ऐसे मौलवी व शहर काजी बड़ी-बड़ी एनजीओ के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चंदा एकत्र कर हजारों करोड़ कमाते हैं। इनके खिलाफ केंद्र सरकार को ईडी, सीबीआई व आयकर से जांच करवानी चाहिए।