लखनऊ: केजीएमयू में युवक को 12 घंटे तक नहीं चढ़ा खून, तड़प-तड़पकर मौत
केजीएमयू में युवक को खून न मिलने से उसकी तड़प-तड़पकर मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि जूनियर डॉक्टरों ने ब्लड बैंक से खून दिलाने की संस्तुति नहीं की।
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में गंभीर हालत में लाए गए युवक को 12 घंटे तक खून नहीं चढ़ सका। उसका हीमोग्लोबिन बेहद कम था। परिजन अस्पताल में डोनर कार्ड लेकर भटकते रहे, मगर उन्हें खून नहीं मिल पाया। शनिवार दोपहर उसकी तड़प-तड़पकर मौत हो गई। परिजनों ने जूनियर डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने ब्लड बैंक से खून दिलाने की संस्तुति तक नहीं की।
प्रयागराज निवासी राजेंद्र का बेटा आदित्य (19) अप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित था। प्रयागराज में शुक्रवार रात उसकी हालत बिगड़ गई। पहले उसे वहीं के नजदीकी अस्पताल ले गए। वहां से मरीज को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। पिता रात करीब डेढ़ बजे बेटे को लेकर ट्रॉमा कैजुअल्टी पहुंचे। यहां के डॉक्टरों ने हीमोग्लोबिन की जांच की तो उसका स्तर तीन के करीब निकला। ऐसे में जूनियर डॉक्टरों ने परिजनों से खून की व्यवस्था करने को कहा।
परिजनों ने डोनर कार्ड दिखाए, मगर जूनियर डॉक्टर नहीं माने। पूरी रात परिजन उसे लेकर कैजुअल्टी में ही पड़े रहे। पिता का आरोप है कि जूनियर डॉक्टरों ने इलाज में कोताही बरती। ब्लड बैंक से खून दिलवाने में कोई मदद नहीं की।
शनिवार दोपहर मुकम्मल इलाज न मिलने से बेटे की मौत हो गई। पिता ने बिलखते हुए कहा कि शायद बेटे को दो यूनिट खून चढ़ गया होता तो उसकी जान बच जाती। वहीं केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है कि मरीज को इलाज न मिला हो। तीमारदार शिकायत करेंगे तो संबंधित जूनियर डॉक्टरों पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।