सीएम योगी ने 150 नई बसों को दिखाई हरी झंडी, हर जिले को मिलीं दो-दो नई बसें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को जल्द बसों में फ्री सफर की सुविधा देने की घोषणा की है। सीएम ने कहा कि प्रत्येक ड्राइवर की ऑनलाइन टेस्टिंग का सिस्टम बनाया जाना चाहिए। जिससे सभी ड्राइवरों की दृश्यता का सही परीक्षण हो सके। ऐसा नहीं होना चाहिए कि ड्राइवर ठीक से देख नही पा रहा है और बस चलाता जा रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार सुबह अपने आवास से यूपी रोडवेज की 150 बसों को हरी झंडी दिखाते हुए हर जिले को दो-दो बसें सौंप दीं। इस मौके पर उन्होंने 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को जल्द ही बसों में फ्री सफर की सुविधा दिए जाने की घोषणा की। सीएम ने कहा कि यूपी के बस अड्डों को एयरपोर्ट की तर्ज पर डिवलेप किया जाना चाहिए। दूसरी ओर उन्होंने जर्जर बसों को निगम के बेडे से हटाकर नई बसें जोड़ने के निर्देश दिए।
सीएम ने कहा कि कोरोना काल में यूपी रोडवेज संकट का साथी बना। उसने पुलिस, स्वास्थ्य व अन्य विभागों के समानांतर दिन रात एक कर दूसरे राज्यों से आने वाले करीब एक करोड़ कामगारों व श्रमिकों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मानवीय काम किया था। उन्होंने सलाह दी कि विभाग में चालकों की कमी को दूर करने के लिए आईटीआई व पॉलीटेक्निक के छात्रों को भी ड्राइविंग की ट्रेनिंग देकर रोजगार मुहैया कराने का काम किया जा सकता है। रोडवेज की वर्कशॉप में भी उन्हें ट्रेनिंग देनी चाहिए। हर वर्कशॉप के साथ आईटीआई और पालीटेक्निक को जोड़ना चाहिए। सीएम ने कहा कि परिवहन निगम की बसें एक लाख 10 हजार गांवों को जोड़ने में अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने नए बस अड्डों का शिलान्यास करने के साथ ही ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक व सारथी हाल का लोकार्पण किया। इससे पहले रोडवेज के चेयरमैन आरके तिवारी ने रोडवेज व परिवहन विभाग की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
एयरपोर्ट की तर्ज पर डिवलेप हों बस अड्डे
सीएम ने कहा कि एयरपोर्ट की तर्ज पर बस अड्डों को डिवलेप कर बस अड्डों पर सभी तरह की सुविधाएं दी जानी चाहिए। बस अड्डों पर ही पार्किग हो। सड़कों पर पार्किंग न की जाए। 25 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य के लोगों के लिए इंटरस्टेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना चाहिए। सेवाओं को बेहतर करने की पूरी कोशिश की जाए।
ड्राइवर की ऑनलाइन टेस्टिंग जरूरी
सीएम ने कहा कि प्रत्येक ड्राइवर की ऑनलाइन टेस्टिंग का सिस्टम बनाया जाना चाहिए। जिससे सभी ड्राइवरों की दृश्यता का सही परीक्षण हो सके। ऐसा नहीं होना चाहिए कि ड्राइवर ठीक से देख नही पा रहा है और बस चलाता जा रहा है। ऐसे में सभी ड्राइवरों के को पूरी तरह से स्वस्थ होने पर ही बसें चलानी चाहिए।
हर साल एक्सिडेंट में मर रहे 20 लाख लोग
सीएम ने कहा कि कोरोना के दौरान ढाई साल में केवल 23 हजार लोगों की मौत हुई थी। लेकिन एक्सिडेंट में हर साल 20 हजार लोगों की मौत होती है वह बहुत चिंताजनक है। उन्होंने अफसरों से कहा कि वह एक्सिडेंट में मौतों के आंकड़े कम करने के लिए हर संभव प्रयास करें।
सिम्युलेटर से लिया जाएगा ड्राइविंग टेस्ट
परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दया शंकर सिंह ने कहा कि यूपी के सभी आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों में अब लर्निंग लाइसेंस शत प्रतिशत ऑनलाइन बन रहा है। इससे लोगों को आरटीओ आफिस जाने की समस्या से छुटकारा मिल गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही ड्राइविंग टेस्ट के लिए सिम्युलेटर का उपयोग किया जाएगा। जिसमें मानवीय हस्तक्षेप पूरी तरह खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस साल रोडवेज 1000 नई बसें लाने की तैयारी कर रहा है। जिनमें से 750 बसें खरीदने की कार्रवाई जल्द ही शुरू की जाएगी।