यूपी: 2024 तक 15 करोड़ लोगों को मिलता रहेगा मुफ्त राशन
दूसरी बार शपथ लेने के बाद योगी उठाएंगे पहला कदम, मार्च तक थी डेडलाइन
यूपी चुनाव में बहुमत मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ दूसरी बार शपथ लेंगे। इसके बाद सबसे पहले वह 15 करोड़ मुफ्त राशन योजना को आगे बढ़ाने की मंजूरी देंगे। यूपी सरकार की तरफ से 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। बता दें 2021 की दीपावली पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राशन वितरण प्रणाली को लेकर कहा था कि मार्च तक यह योजना लागू रहेगी। अब चुनाव में मुफ्त राशन देने का फायदा मिलने के बाद यह योजना आगे बढ़ाई जा रही है।
एक दिसंबर को योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार ने तय किया है कि प्रधानमंत्री अन्न योजना का लाभ मार्च तक दिया जाएगा। इसके तहत अंत्योदय परिवार को 35 किलो खाद्यान्न के साथ दाल, खाद्य तेल, एक किलो आयोडाइज्ड नमक भी दिया जाएगा। योजना का लाभ पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्ड धारकों को मिलेगा।
यूपी में प्रदेश के 15 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन का वितरण लोकसभा चुनाव, 2024 तक करने की तैयारी है। यह योजना होली के बाद बंद होने वाली थी पर इसे विस्तार देने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है। इसका प्रस्ताव खाद्य व रसद विभाग ने शासन को भेज दिया है। प्रदेश में कोरोना काल के दौरान गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना शुरू की गई थी। इसे नवंबर, 2021 तक जारी रखना था। चुनाव और कोरोना के कारण लोगों की आमदनी पर पड़े प्रभाव को देखते हुए योगी सरकार ने मार्च के अंत तक इस योजना के जारी रखने का ऐलान किया था।
कितना मिलेगा खाद्यान्न?
प्रधानमंत्री अंत्योदय योजना के विस्तार का लाभ यूपी के 15 करोड़ लोगों को मिलेगा। पात्र परिवारों को प्रति व्यक्ति 5 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। अगर किसी परिवार में 7 सदस्य हैं, तो उसको 35 किलो खाद्यान्न दिया जाएगा। इसमें चावल और गेहूं के साथ एक किलो नमक, तेल और दाल भी शामिल होगी। इससे गरीब परिवारों पर भार कम होगा।
जानिए क्या-क्या मिलेगा?
पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट पांच किलो राशन मिलेगा। इसमें तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल शामिल है। वहीं अंत्योदय कार्ड धारक को 35 किलो राशन मिल रहा है। इसमें 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल दिए जाते हैं। साथ ही अब नमक, तेल और दाल भी मिलेगी।
लोगों को फ्री राशन की योजना के तहत सरकार को 1200.42 करोड़ रुपए हर महीने खर्च करने होंगे। मार्च तक सरकार पर लगभग 4801.68 करोड़ रुपए का बोझ आएगा।