लखनऊ में फर्जी नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग मेहरबान: जांच के नाम पर लटकी पुलिस की कार्रवाई, खामियाजा भुगत रहे मरीज
डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज का डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल अस्पताल बिना लाइसेंस का चल रहा था।
राजधानी लखनऊ के विभिन्न इलाकों में बिना मानक दर्जनों अस्पताल चल रहे हैं। यह बात स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच में सामने आने के बाद भी इन पर लगाम नहीं लग रही है। नतीजा विभूतिखंड और जानकीपुरम में गलत इलाज से मरीज की मौत और डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल अस्पताल में मान्यता के नाम पर मजदूरों का बंधक बनाकर इलाज करने के उदाहरण मात्र है। दूसरी तरफ जांच के नाम पर हीलाहवाली से थानों में दर्ज मुकदमें भी इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इन अस्पतालों के पास न ही लाइसेंस मिला और न ही विशेषज्ञ डॉक्टर।
आरआर मेमोरियल का लाइसेंस हो चुका निरस्त
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का ही नतीजा है कि डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज का डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल अस्पताल बिना लाइसेंस का चल रहा था। जहां मरीजों को बंधक बना कर इलाज किया जा रहा था। पुलिस की कार्रवाई के बाद भी अभी तक अस्पताल से जुड़े डॉक्टर कर्मचारियों के खिलाफ कोई भी सख्त विभागीय कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि अस्पताल का लाइसेंस 21 मार्च 2021 को समाप्त हो रहा था। विभागीय लोगों ने यह तो कह दिया कि कोरोना केसों की ज्यादा संख्या के कारण छह माह के लिए लाइसेंस की अवधि बढ़ा दी गई थी। इसके बाद क्यों नहीं बंद किया किसी के पास जवाब नहीं है। नतीजा पुलिस अभी तक अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग व श्रम विभाग के लोगों को सर्च अभियान के लिए बुला रही है और कोई ठोस कार्रवाई अभी तक नहीं हुई। डीसीपी सोमेन वर्मा के मुताबिक पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। स्वास्थ्य विभाग को भी कई बार विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा जा चुका है।
जानकीपुरम में हाथ की हड्डी के ऑपरेशन में गई मरीज की जान
जानकीपुरम के मंगलम अस्पताल में इंदिरानगर ग्राम चांदन निवासी शीतल प्रसाद (50) की हाथ के फैक्चर का आपरेशन के दौरान मौत हो गई। रविवार रात परिजन उसे जानकीपुरम विस्तार सेक्टर 8 स्थित मंगलम हास्पिटल में लाकर भर्ती कराए थे। मरीज के बेटे बृजेश कुमार ने बताया कि पिता घर से बाइक चला कर खुद अस्पताल पहुंचे थे। डॉक्टरों ने एक्सरे कराने के बाद ऑपरेशन का फैसला लिया। ओटी में ले जाने के बाद बताया कि उनकी तबियत बिगड़ गई है और मौत हो गई। जानकीपुरम इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने बताया कि परिजनों के हंगामा किया तो पूरा स्टॉफ अस्पताल छोड़कर भाग गया। जिसके चलते पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सीएमओ ऑफिस सूचना भेजा, लेकिन जांच के नाम पर अभी तक थाना पुलिस को लिखित निर्देश नहीं मिला। नतीजा पुलिस को अपनी तरफ से खुले पड़े अस्पताल में ताला डालना पड़ा। वहीं स्वास्थ्य विभाग हर बार की तरह कह रहा है कि कार्रवाई की जाएगी। जबकि उसको भी पता है कि नर्सिंग होम बिना लाइसेंस चल रहा था।
सन हॉस्पिटल में तीमारदार को पीटा
वैभव खंड स्थित सन हॉस्पिटल में पिछले दिनों इलाज के नाम पर मरीज से मनमाने पैसे वसूलने को लेकर डॉक्टर और कर्मचारियों ने पीट दिया। पुलिस की जांच में सामने आया कि नर्सिंग होम मानक के अनुरूप नहीं चल रहा है। यहां की भी कई बार सीएमओ कार्यालय में शिकायत हुई, लेकिन कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई। यहां के कर्मचारियों ने पिछले हफ्ते मरीज आरती मिश्रा को पेट में दर्द के चलते परिजनों ने भर्ती कराया था। जहां तीन दिन में अस्पताल ने लाखों का बिल बना दिया था। विभूतिखंड थाना पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
आग लगी तो खुली पोल, बिना लाइसेंस चल रहा था अस्पताल
हरदोई रोड स्थित स्टार हास्पिटल की पोल तब खुली जब 19 दिसंबर 2021 को उसकी बिल्डिंग में आग लगी। जांच में सामने आया कि अस्पताल बिना लाइसेंस और फायर एनओसी के बेसमेंट में अवैध रूप से चल रहा था। स्वास्थ्य विभाग अब अस्पताल में ताला लगा कर उसका संचालन बंद करेगा। आग से अस्पताल में भर्ती मरीजों ने छत पर भाग कर जान बचाई थी। वहीं 12 साल का बच्चा तौसीफ धुएं के कारण बेहोश हो गया था। इसी तरह सरकार की सख्ती पर जुलाई 2021 में स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी लखनऊ के अलग-अलग इलाकों 45 अस्पतालों पर जिला प्रशासन के साथ छापेमारी की तो ज्यादातर अस्पतालों के पास लाइसेंस ही नहीं मिला। जिसके बाद मानक के विपरीत और बिना लाइसेंस चल रहे 29 अस्पतालों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया।