हमने उसे चलना सिखाया, वह हमें रौंदता चला गया...शिवपाल ने अखिलेश पर ऐसे साधा निशाना
ईद के मौके पर पहले आजम खान ने अखिलेश यादव की खीरी कड़वी की। इसके बाद मैदान में शिवपाल यादव आ गए। उन्होंने अखिलेश यादव को लेकर बड़ा हमला बोल दिया है।
शिवपाल यादव ने ईद के मौके पर अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला है। साथ ही, उन्होंने अपने अगले राजनीतिक कदम के भी संकेत दे दिए हैं। पिछले दिनों लगातार अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच बयानबाजी होती रही है। अखिलेश यादव ने शिवपाल की भारतीय जनता पार्टी से करीबी का मुद्दा उठाकर उन्हें चले जाने की बात कही। उसके जवाब में शिवपाल यादव उन्हें विधानमंडल से निकालने की बात करते रहे हैं। ईद के मौके पर लोगों को मुबारकबाद देते हुए शिवपाल ने कहा है कि जिसे हमने चलना सिखाया, वह हमें रौंदता चला गया। यह सीधे तौर पर अखिलेश पर हमला माना जा रहा है। इससे साफ हो गया है कि शिवपाल अब अगला कदम उठाने की तैयारी कर चुके हैं।
शिवपाल यादव ने ईद के मौके पर प्रदेशवासियों को मुबारकबाद दी। इसके साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव को भी निशाने पर ले लिया। शिवपाल यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि अपने सम्मान के न्यूनतम बिंदु पर जाकर मैंने उसे संतुष्ट करने का प्रयास किया। इसके बाद भी अगर नाराज हूं तो किस स्तर पर उसने हृदय को चोट दी होगी। शिवपाल ने आगे लिखा है कि हमने उसे चलना सिखाया और वह हमें रौंदता चला गया। एक बार फिर पुनर्गठन, आत्मविश्वास और सबके सहयोग की शक्ति से ईद की मुबारकबाद।
शिवपाल ने खुलकर कर दिया नाराजगी का इजहार
यूपी चुनाव 2022 के परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी के विधाायक दल की बैठक में शिवपाल यादव को न बुलाए जाने के बाद से नाराजगी का मामला सतह पर आया था। शिवपाल ने नाराजगी जताई। इसको लेकर सपा की ओर से साफ किया गया कि जो भी नेता सहयोगी दलों का होने के बाद भी सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते, उन्हें विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया। इस बयान ने शिवपाल के सामने पूरी स्थिति साफ कर दी। उनका समाजवादी पार्टी में भविष्य नहीं है। इसके बाद शिवपाल की भाजपा से नजदीकी की खबर आती रही। शिवपाल इन खबरों को न खारिज किए और न ही कभी स्वीकार। पिछले दिनों अखिलेश ने उनके भाजपा से नजदीकी का मामला उठाते हुए उन्हें चले जाने की सलाह दे दी।
अखिलेश के बयान के बाद शिवपाल ने भी पलटवार किया। शिवपाल ने कहा कि अगर अखिलेश चाहते हैं कि मैं चला जाउं तो वे मुझे विधानमंडल दल से निकाल दें। शिवपाल यादव के बयान ने माहौल को गरमा दिया। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में माहौल शांत दिखने लगा था। लेकिन, मंगलवार को ईद के मौके पर पहले आजम खान ने शायरी के जरिए अपनी पीड़ा जताई तो शिवपाल यादव भी पीछे नहीं रहे।
दिल पर चोट की बात कर समर्थकों को दिया संकेत
शिवपाल यादव ने दिल पर चोट लगने की बात कर अपने समर्थकों को बड़ा संदेश दे दिया है। उनके कहने का मतलब है कि जिसे चलना सिखाया, अगर उससे नाराजगी है तो समझना चाहिए कि दिल पर कितनी चोट लगी होगी। इसी प्रकार की भावनात्मक संदेश देकर शिवपाल यादव वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी से अलग हुए थे। तब उन्होंने अपनी अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी। इस बार शिवपाल यादव पुनर्गठन की बात कर रहे हैं। इसका सीधा सा अर्थ है कि वे एक बार फिर अपने संगठन को खड़ा करने का प्रयास करेंग, या फिर अपने लिए एक अलग राजनीतिक लाइन का निर्धारण करेंगे।