यूपी: कोयले की कमी से बढ़ा बिजली संकट, गांव और तहसील में बिजली कटौती जारी
कोयले की कमी और बढ़ी डिमांड से उत्तर प्रदेश में बिजली संकट बढ़ गया है। गांव से लेकर तहसील में जहां पावर कॉर्पोरेशन तय सीमा से कम बिजली सप्लाई कर रहा है, जानकारों का कहना है कि चार यूनिट बंद हो गई है, जिसकी वजह से सीधे दो हजार मेगावाट की सप्लाई बाधित हो रही है। इसके अलावा मौजूदा समय डिमांड और सप्लाई में करीब 4000 मेगावॉट तक का अंतर आ गया है.
कोयले की कमी और बढ़ी डिमांड से उत्तर प्रदेश में बिजली संकट बढ़ गया है। गांव से लेकर तहसील में जहां पावर कॉर्पोरेशन तय सीमा से कम बिजली सप्लाई कर रहा है। वहीं, शहरों में फॉल्ट और लो वोल्टेज की वजह से उपभोक्ताओं की स्थिति खराब होने लगी है। लखनऊ जैसे शहर में रात को दो से तीन घंटे के लिए सप्लाई बाधित हो रही है। इसको लेकर उपभोक्ता कस्टमर केयर के 1912 नंबर पर घंटो फोन लगाते रहते हैं। जबकि गांव में रात को पांच से सात घंटे तक बिजली कट रही है।
जानकारों का कहना है कि चार यूनिट बंद हो गई है, जिसकी वजह से सीधे दो हजार मेगावाट की सप्लाई बाधित हो रही है। इसके अलावा मौजूदा समय डिमांड और सप्लाई में करीब 4000 मेगावॉट तक का अंतर आ गया है। मौजूदा समय पीक ऑवर में बिजली की डिमांड 22500 मेगावाट तक पहुंच गई है , जबकि सप्लाई महज 18500 मेगावॉट तक हो रही है। सबसे ज्यादा गांवों, नगर पंचायत, तहसील स्तर पर है।
प्रदेश की 10 करोड़ आबादी को करते हैं कवर
गांव, नगर पंचायत और तहसील को मिलाकर उपभोक्ताओं की संख्या करीब दो करोड़ है। यह करीब प्रदेश की 10 करोड़ आबादी को कवर करते हैं। ऐसे में देखा जाए तो मौजूदा समय करीब 10 करोड़ लोग प्रतिदिन बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। पावर कॉर्पोरेशन की तरफ से 24 अप्रैल के आंकड़ों गांव में जहां करीब तीन घंटे वहीं तहसील में ढ़ाई घंटे की आधिकारिक कटौती हुई है।
ओवरलोडिंग की समस्या बढ़ गई है
मौजूदा समय में महानगरों में भी ओवरलोडिंग की समस्या बढ़ गई है। ट्रांसफॉर्मर से लेकर उपकेंद्र तक ओवर लोड हो चुके हैं। यही वजह से कि लखनऊ समेत प्रदेश के कई शहरों में आउटर इलाके में कनेक्शन लेने वालों को नया कनेक्शन लेने में काफी समय लग जा रहा है। महानगरों में दिन और रात के वक्त 3-4 घंटे तक ट्रिपिंग की वजह से या फिर टेक्नीकल फॉल्ट के चलते लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है
करीब 95 हजार करोड़ रुपए तक का घाटा
पावर कॉर्पोरेशन का मौजूदा घाटा करीब 95 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गयाा है। अब बढ़ते घाटे की वजह से एनर्जी एक्सचेंज से भी खरीददारी नहीं हो पा रही है। बताया जा रहा है कि एनर्जी एक्सचेंज पर महंगी बिजली बेची जा रही है। वहां भी काफी ज्यादा डिमांड होने लगी है। जबकि पावर कॉर्पोरेशन ने पहले ही तय कर लिया है कि वह 7 रुपए प्रति यूनिट से महंगी बिजली नहीं खरीदेगा, ऐसे में प्रदेश की जनता कटौती की मार झेल रही है।
यह यूनिट चल रही है बंद
बारा 660 मेगावाट ओबरा 200 मेगावाट
ललितपुर पावर प्लांट 660 मेगावाट हरदुआगंज 660 मेगावाट
बिजली सप्लाई का समय
गांव 15.07 घंटे नगर पंचायत 19.03 घंटे तहसील 19.50 घंटे