यूपी: बिजली कंपनियां यूपी में बिजली दर बढ़ाने की कर रही कोशिश
यूपी में सात साल में सात बार बढ़ा बिजली का दर.
बिजली कंपनियां जहां यूपी में बिजली दर बढ़ाने के हर प्रयास कर रही हैं। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उपभोक्ता परिषद ने पहले ही आरोप लगाया था कि बिजली कंपनियों का उपभोक्ताओं पर 20 हजार 500 करोड़ रुपए निकल रहे हैं। अब इस आरोप के बाद नियामक आयोग ने पावर कॉर्पोरेशन ने मामले में लिखित तत्काल रिपोर्ट मांगी है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्य बीके श्रीवास्तव से मुलाकात कर ज्ञापन दिया था। इसके बाद यह कार्रवाई तेज की गई है। इसमें बिजली दर बढ़ाने की जगह, उसमें कमी करने की मांग की गई थी।
अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्य बीके श्रीवास्तव से मुलाकात कर मांग उठाई कि उपभोक्ताओं का सरप्लस पैसा लगभग 20,596 करोड़ रुपए निकल रहा है। इसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए। उपभोक्ता परिषद का दावा है कि नियामक आयोग ने इससे पहले भी जवाब मांगा था, लेकिन कॉर्पोरेशन की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में मांग की गई है कि प्रदेश के तीन लाख विद्युत नियामक आयोग प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को राहत दिलाने की दिशा में अविलंब कदम उठाएं
दर बढ़ाना होगा नियम के खिलाफ
उपभोक्ता परिषद का कहना है कि जब उपभोक्ता का अतिरिक्त पैसा कंपनियों के पास निकल रहा है, तो बिजली दर बढ़ाना नियम के खिलाफ होगा। मौजूदा समय देश के किसी भी राज्य में ऐसा कोई आदेश नहीं है। वर्तमान में रेग्युलेटरी कानून और एमवाईटी रेगुलेशन की किसी भी व्यवस्था में किसी भी राज्य में ऐसा कोई कानून नहीं है कि जब उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर सर प्लस पैसा निकल रहा हो दरों में बढ़ोतरी की जाए।
उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में याचिका दाखिल कर रखी है। उस पर पावर कारपोरेशन से जवाब तलब किया है। इस मामले में अभी तक पावर कॉर्पोरेशन ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया है।
तीन करोड़ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर
प्रदेश में कुल उपभोक्ताओं की संख्या करीब तीन करोड़ है। इसमें घरेलू और कमर्शल उपभोक्ताओं की संख्या करीब 2.70 करोड़ है। उसके अलावा सरकारी, सिंचाई और बिजली विभाग में कार्यरत खुद के कर्मचारी है। अगर बिजली दर बढ़ता है तो प्रदेश के 2.70 करोड़ परिवार पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
यूपी में सात साल में सात बार बढ़ा बिजली का दर
यूपी में पिछले साल में सात बार बिजली की दर बढ़ चुकी है। ऐसे में दस साल में बिजली दोगुनी से भी ज्यादा महंगी हो चुकी है। सपा सरकार में जहां 5 साल लगातार बिजली दर में बढ़ोतरी हुई थी वहीं बीजेपी सरकार में भी शुरू के दो साल दाम बढ़े थे। उसके बाद कोविड होने की वजह से दाम नहीं बढ़ाए गए थे।