मथुरा डीएम और एसएसपी के पैरों में गिरकर रोई मां, बोली- साहब बेटे को ढूंढ दीजिए
बुजुर्ग महिला का बेटा 16 दिन से लापता है। पीड़िता ने बताया कि कई बार पुलिस थाने के चक्कर लगाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद वह डिप्टी सीएम से मिलने के लिए यहां आई थी।
मथुरा शहर कोतवाली क्षेत्र से लापता 30 वर्षीय युवक की तलाश में पत्नी और उसकी मां दर-दर भटक रही हैं। रविवार को वे दोनों डीएम-एसएसपी के पैर में गिरकर रोने लगीं। अपनी सास के साथ आई महिला का कहना था कि कोतवाली पुलिस उसकी सुनने को तैयार नहीं है। एसएसपी ने मौके पर शहर कोतवाल को बुलाकर महिला का मुकदमा दर्ज करते हुए लापता पति को बरामद करने के निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आगमन को लेकर जिला आपात कक्ष के बाहर डीएम नवनीत सिंह चहल, एसएसपी अभिषेक यादव जब प्रतिक्षारत थे, तभी शहर कोतवाली के रामनगर के कृष्णानगर की रहने वाली महिला शीलेश अपनी सास बीना के साथ लापता पति को तलाश करने की फिरयाद लेकर उपमुख्यमंत्री के पास जिला अस्पताल पहुंची थी। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे वहां से हटा दिया।
उन दोनों को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्या करें। इस दौरान शीलेश और उसकी सास वहीं खड़े हो गए। उनकी नजर डीएम नवनीत सिंह चहल और एसएसपी अभिषेक यादव पर पड़ी, तो वे दोनों अधिकारियों के पास पहुंच गईं। बुजुर्ग मां जिलाधिकारी और एसएसपी के पैरों पर गिर कर फूट-फूटकर रोने लगी। उसने कहा कि साहब बेटे को ढूंढ दीजिए। दोनों अधिकारी ये सब देख हैरान रह गए।
डीएम और एसएसपी ने बुजुर्ग मां को धैर्य बंधाते हुए जमीन से उठाया और फिर मामला सुना। इस दौरान बहू शीलेश ने बताया कि उसका पति धर्मेंद्र उर्फ गोलू 27 अगस्त को बीमार बडे़ भाई जितेंद्र को देखने जिला अस्पताल आया था। तब से अब तक वापस घर नहीं लौटा है। इसे लेकर वह कई बार कृष्णानगर चौकी और कोतवाली गई, लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी।
महिला ने बताया कि उनके घर में वह एकमात्र कामगार है और फरीदाबाद की एक फैक्टरी में काम करता था। रक्षाबंधन पर घर आया और इसी वक्त भाई के बीमार पड़ने पर उसे देखने जिला अस्पताल गया। लापता व्यक्ति के दो छोटे बच्चे हैं।