प्रयागराज: 34 साल पहले हुए रेप के आरोपी को लोअर कोर्ट ने किया बरी, योगी सरकार गई HC, अब हुई 10 साल की सजा
फर्रुखाबाद के कन्नौज थाना क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति पर आरोप है कि उसने 34 साल पहले एक दस साल की बच्ची से रेप किया था। सत्र अदालत ने लंबे समय तक चले मुकदमे के बाद आरोपी को रिहा कर दिया। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सत्र अदालत के एक फैसले को पलट दिया है। सत्र अदालत ने फर्रुखाबाद के कन्नौज थाने में 34 साल पहले हुए रेप के आरोपी को बरी कर दिया था। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए आरोपित धर्मू उर्फ धर्मा सिंह को दोषी पाया है। कोर्ट ने आरोपी को 10 वर्ष का कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। हाई कोर्ट ने कहा है कि जुर्माने की रकम में 20 हजार रुपये पीड़िता को दिया जाएगा।योगी सरकार ने सत्र अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी।
हाई कोर्ट ने आरोपी की जमानत भी खारिज कर दी। कहा कि आरोपी एक सप्ताह में मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट के समक्ष आत्म समर्पण करे। कोर्ट ने मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट से कहा है कि वह आदेश का पालन कराएं। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
10 साल की बच्ची को बनाया था हवस का शिकार
धर्मू उर्फ धर्मा सिंह पर आरोप है कि उसने 10 वर्ष की मासूम बच्ची के साथ रेप किया। बच्ची अपने घर से बाहर गई थी। तभी आरोपी ने वारदात की। मामले में कन्नौज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सत्र न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आरोपित को बरी कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी। कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट, तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए सत्र न्यायालय के फैसले को एकतरफा माना और उसे पलटते हुए आरोपित को 10 साल का कारावास और 25 हजार रुपये की सजा सुनाई।