बच्ची का रेप के बाद किया था मर्डर, 57 दिनों के अंदर ही कोर्ट ने दी सजा-ए-मौत, 26 दिनों में ट्रायल
नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में मौत की सजा सुनाई गई है। महज 26 दिनों में सुनवाई के बाद मथुरा कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। 10 साल की बच्ची के साथ रेप और मर्डर के मामले में यह फैसला शुक्रवार को आया है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा की एक विशेष अदालत ने 10 साल की बच्ची के दुष्कर्म एवं हत्या मामले की त्वरित सुनवाई करते हुए दोषी व्यक्ति को शुक्रवार को मौत की सजा सुनाई। सरकारी अधिवक्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मौत की सजा हाई कोर्ट की ओर से पुष्टि किए जाने के बाद लागू होगी। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अदालत की विशेष लोक अभियोजक अलका शर्मा ‘उपमन्यु’ ने कहा कि अपर सत्र जिला न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम विपिन कुमार ने 26 दिनों की त्वरित सुनवाई में आरोपी सतीश को मौत की सजा सुनाई। उस पर 45 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की 80 फीसदी रकम पीड़िता के माता-पिता को दी जाएगी।
सतीश कुमार ने नाबालिग को स्थानीय भंडारे में खिलाने के बहाने अपने घर ले जाकर उसके पड़ोस में बलात्कार किया था। इसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और जंगल में फेंक दिया। पुलिस के मुताबिक, बच्ची का शव 13 अक्टूबर को एक पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने जंगल से बरामद किया गया था। उसकी पहचान करने के बाद, लड़की की मां की शिकायत पर सतीश कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 376 (बलात्कार), 302 (हत्या) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5एम/6 (बच्चे पर गंभीर भेदक यौन हमला) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पत्नी से अलग रह रहे और दर्जी का काम करने वाले सतीश कुमार को घटना के छह घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया था। डीएसपी प्रवीण मलिक ने कहा कि तेजी से जांच के बाद और सबूतों के आधार पर एक महीने के भीतर अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया था। इसके बाद कोर्ट का अहम फैसला आया है। अलका शर्मा उपमन्यु ने बताया कि कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी सतीश (30) 13 अक्टूबर 2022 को अपनी कॉलोनी में रहने वाली एक नाबालिग को बहला-फुसलाकर प्रेम महाविद्यालय पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास के जंगल में ले गया था। वहां उसके साथ दुष्कर्म किया था। उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपराध का खुलासा होने के डर से बच्ची की हत्या कर उसका शव जंगल में छोड़ दिया। वहां से फरार हो गया था। घटना के 57 दिन के भीतर कोर्ट ने इस मामले में सजा सुनाकर एक मिशाल पेश की है।
अलका उपमन्यु के अनुसार, लड़की की मां ने उसी दिन जैत थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद आरोपी को 14 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने जांच के बाद 14 नवंबर 2022 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। उपमन्यु के मुताबिक, न्यायाधीश ने गवाहों के बयान और चिकित्सकीय रिपोर्ट आदि के आधार पर सतीश को मौत की सजा सुनाई है। हालांकि, उन्होंने बताया कि मौत की सजा हाई कोर्ट की ओर से पुष्टि किए जाने के बाद लागू होगी। रेप और मर्डर केस में इस प्रकार के फैसले को लेकर लोगों की ओर से भी प्रतिक्रिया आ रही है। ऐसे मामलों में त्वरित न्याय की बात लोग कर रहे हैं। इससे अपराधियों के मन में डर का भाव पैदा होगा।