यूपी में डस्टबिन घोटाला, हरदोई के 41 ग्राम विकास अधिकारी और 114 प्रधान लपेटे में
2019 को हरदोई के तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार सिंह के खिलाफ स्वच्छ भरत मिशन योजना के तहत कूड़ेदानों की खरीद में अनियमितता की जांच के आदेश हुए थे। जांच में खुलासा हुआ कि ज्यादा कीमत पर डस्टबिन खरीदे गए थे। लंबे समय से यह खेल चल रहा था।
उत्तर प्रदेश के हरदोई में स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर डस्टबिन घोटाला मामला सामने आया है। गांवों में डस्टबिन लगाने के नाम पर हरदोई के 41 ग्राम विकास अधिकारियों और 141 ग्राम प्रधानों ने लखनऊ की एक फर्म से मिलकर सरकार को लाखों की चपत लगा दी। 17 लाख से अधिक के डस्टबिन घोटाले में विजिलेंस के लखनऊ सेक्टर ने हरदोई के 41 ग्राम विकास अधिकारी, 141 ग्राम प्रधान व लखनऊ के विभूतिखंड स्थित एसएससीओ मैनेजमेंट सर्विस फर्म व उसके प्रबंधक को नामजद किया है।
विजिलेंस के इंस्पेक्टर योगेश शाह की तरफ से यह एफआईआर दर्ज करवाई गई है। नौ मई 2019 को हरदोई के तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार सिंह के खिलाफ स्वच्छ भरत मिशन योजना के तहत कूड़ेदानों की खरीद में अनियमितता की जांच के आदेश हुए थे। जांच में सामने आया कि हरदोई में डस्टबिनों की आपूर्ति के लिए कोई लिखित आदेश जारी नहीं हुआ।
मौखिक आदेश के माध्यम से निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए गोमतीनगर के विभूतिखंड स्थित मैसर्स एसएससीओ मैनेजमेंट सर्विस से डस्टबिन की आपूर्ति करवा ली गई। यही नहीं इन डस्टबिनों की खरीद के लिए ग्राम सभा द्वारा बनाई गई कार्य योजनाओं की एंट्री न तो रजिस्टर और न ही सॉफ्टवेयर में दर्ज की गई।
ज्यादा कीमत पर खरीदे गए डस्टबिन
जांच में खुलासा हुआ कि नीलकमल और सुप्रीम के जो डस्टबिन इंस्टालेशन, स्टैंड, भाड़े समेत 7,689 और 6,089 रुपये में मिल रहे थे उन्हें इन ग्राम प्रधानों व ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा 8,686 और 8,348 रुपये में खरीदा गया। इसी तरह कई ब्लॉकों में घपला किया गया