ताज मामले में याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट की फटकार, ज्ञानवापी पर फैसला कुछ देर में...
ज्ञानवापी मामले में दोपहर दो बजे के बाद कभी भी फैसला आ सकता है। कोर्ट रूम में केस से संबंधित 8-9 लोग ही मौजूद हैं।सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर यह फैसला सुनाएंगे।
ताजमहल के दरवाजे खुलवाने की मांग पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि क्या हम जजों को इसी तरह के केस सुनने की ट्रेनिंग दी गई है। अगली सुनवाई दोपहर 2 बजे होगी।
इधर, ज्ञानवापी परिसर पर अब से कुछ देर में वाराणसी लोअर कोर्ट का फैसला आ सकता है। वहीं मथुरा विवाद पर भी सुनवाई जारी है। याचिकाकर्ता ने इस केस से जुड़े पेंडिंग मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण किए जाने की भी मांग की है।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी
भाजपा नेता डॉ. रजनीश सिंह की याचिका पर जस्टिस डीके उपाध्याय ने कहा- याचिकाकर्ता PIL व्यवस्था का दुरुपयोग न करें। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि पहले जाकर ताजमहल पर रिसर्च करो और फिर आओ। कोर्ट ने कहा कि रिसर्च करने में कोई रोके, तो मुझे बताना।
ज्ञानवापी सर्वे पर आएगा फैसला
ज्ञानवापी परिसर में एडवोकेट-कमिश्नर को बदलने, सर्वे कराने और वीडियोग्राफी के लिए दाखिल याचिका पर आज फैसला आना है। वाराणसी सिविल कोर्ट में सभी पक्षों की सुनवाई 3 दिनों में पूरी हो गई थी। बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की याचिका पर एडवोकेट कमिश्नर बदले जाने पर सुनवाई हुई थी। इस संबंध में हिंदू पक्ष ने कहा था कि एडवोकेट कमिश्नर अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले में देरी करने के लिए मुस्लिम पक्षकार की तरफ से ऐसी याचिका लगाई गई है और एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की मांग की गई है।
श्री कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला
इलाहबाद हाईकोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि सभी अर्जियों को जल्द से जल्द निपटाएं। कोर्ट ने आगे कहा- सभी मामलों का निपटारा 4 महीने में कर लिया जाए। हिन्दू पक्षकार की ओर से याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि मुकदमे की सुनवाई हर रोज हो।
'मंदिर को ध्वस्त करके हुआ मंदिर निर्माण'
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह प्रकरण में वादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि मुगल शासक औरंगजेब ने अपने कार्यकाल में उस स्थान पर स्थापित विशाल मंदिर को ध्वस्त कराकर उसके मलबे से ही शाही ईदगाह का निर्माण कराया था, जिसके प्रमाण आज भी वहां मौजूद हैं और उन्हें मिटाकर इतिहास से खिलवाड़ कर प्रमाणों को नष्ट-भ्रष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।
अखिलेश बोले- खाई पैदा करने की कोशिश
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा है कि देश में कुछ लोग खाई पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि पुरानी चीजों से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। हम कोर्ट से निवेदन करेंगे कि इस पर ध्यान दें।