कानपुर में महिला से पुलिस की अभद्रता का वीडियो वायरल, पर सच कुछ और ही है
कानपुर में जांच करने गए दारोगा को एक परिवार ने बंधक बना लिया। दारोगा के साथ बंद कमरे में मारपीट की गई। पीआवी ने मौके पर पहुंच कर दारोगा को परिवार के चंगुल से छुड़ाया। दारोगा और महिला के बीच हुई मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
यूपी के कानपुर में एक हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। रविवार को दारोगा, एक सिपाही के साथ जांच करने के लिए वादी पक्ष के घर पहुंचे तो परिवार ने उन्हे बंधक बना लिया। बंद कमरे में एक महिला दारोगा के साथ मारपीट करने लगी। इस पर दारोगा ने भी उसके हाथ पकड़ कर गर्दन जकड़ ली। इस दौरान परिवार के बाकी सदस्य कमरे के बाहर खिड़की से वीडियो बनाते रहे। वहीं, दारोगा दरवाजा खोलने के लिए कहता रहा। दारोगा के साथ आए सिपाही ने भाग कर पीआरवी को सूचना दी। मौके पर पहुंची पीआरवी ने दारोगा को परिवार के चुंगल से छुड़ाया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
ककवन थाना क्षेत्र स्थित हरीपुरवा गांव में रहने वाले ग्रामीण ने बीते 3 दिसंबर को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ग्रामीण ने पुलिस को बताया था कि उनकी नाबालिग बेटी को एक युवक बहला-फुसला कर ले गया है। इस मामले की विवेचना दारोगा गर्वित त्यागी कर रहे थे। रविवार शाम दारोगा, सिपाही माधव के साथ साक्ष्य संकलन के लिए वादी के घर पहुंचे थे। इसी दौरान परिवार के सदस्यों ने दारोगा और सिपाही पर हमला बोल दिया। सिपाही ने किसी तरह से भाग कर जान बचाई। वहीं दारोगा का मोबाइल छीन कर महिला ने कमरे में बंद कर लिया।
सिपाही ने भाग कर पीआरवी को सूचना
बंद कमरे में महिला दारोगा के साथ मारपीट करने लगे। दारोगा ने खुद को बचाते हुए महिला के हाथ पीछे से पकड़ लिए। इसके बाद उसकी गर्दन को हाथों से जकड़ लिया। इस दौरान परिवार के लोग चिल्लाते हुए वीडियो बनाते रहे। दो घंटे तक दारोगा को बंधक बनाकर रखा गया। सिपाही ने भागकर पीआरवी को सूचना दी। पीआरवी मौके पर पहुंची तो परिवार के सभी सदस्य अंधेरे का फायदा उठाकर खेतों की तरफ भाग गए। दारोगा को कमरे का दरवाजा खोलकर बाहर निकाला।
वीडियो वायरल होने बाद हड़कंप
इतना कुछ होने के बाद भी पुलिस देर रात तक इस मामले को छिपाती रही। दारोगा ने भी घटना की सूचना आलाधिकारियों को नहीं दी। वादी पक्ष के परिवार ने जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया तो हड़कंप मच गया। कमिश्नरेट पुलिस सक्रिय हो गई। इस मामले को पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने खुद संज्ञान में लिया। इस पूरे प्रकरण के जांच के आदेश दिए हैं।
क्या थी वजह
ककवन एसओ प्रेमचंद का कहना है कि ग्रामीण ने नाबालिग बेटी के जाने के संबंध में रिपार्ट दर्ज कराई थी। पांच दिन बाद जब नाबालिग को बरामद किया गया तो पता चला कि वो बालिग है। उसने अपने दोस्त के साथ शादी कर ली है। युवती ने अपने बयान में पति के साथ जाने की इच्छा जताई थी, इसलिए उसे जाने दिया गया। रविवार शाम दारोगा युवती का आधार कार्ड और साक्ष्य संकलन लेने के लिए गए थे। परिवार ने खुन्नस में आकर विवेचक के साथ गलत व्यवहार किया है।