कानपुर हिंसा से जुड़े भड़काऊ पोस्टर छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस का मालिक गिरफ्तार, हयात जफर ने दिया था ठेका
कानपुर हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर हासमी ने रोमा प्रिंटिंग प्रेस से भड़काऊ पोस्टर और पर्चे छपवाए थे। पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस मालिक को गिरफ्तार कर लिया है।
कानपुर हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर हासमी ने रोमा ग्राफिक प्रिंटिंग प्रेस से भड़काऊ पोस्टर और पर्चे छपवाए थे। इसी प्रिंटिंग प्रेस से छपे बाजार बंदी के पोस्टर पूरे इलाके में चस्पा कराए गए थे। कानपुर कमिश्नरेट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस का मानना है कि नियम को ताक पर रखकर पोस्टर और पर्चे छापे गए थे। पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस के मालिक को गिरफ्तार कर लिया हैं। पुलिस प्रिंटिंग प्रेस मालिक को भी केस में आरोपी बनाएगी।
एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कानपुर हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर हासमी ने बीते 3 जून को बाजार बंदी को लेकर पोस्टर और पर्चे चस्पा कराए थे। पुलिस ने हिंसा के बाद पोस्टरों और पर्चों को कब्जे में लिया था। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि ब्राह्मनगर स्थित रोमा ग्राफिक प्रिंटिंग प्रेस से छपवाए गए थे। प्रेस के मालिक शंकर प्रसाद को पुलिस में लेकर पूछताछ कर रही है।
पुलिस को मालिक ने नहीं दी जानकारी
प्रिंटिंग प्रेस के मालिक शंकर ने पुलिस को बताया है कि हयात जफर हासमी के करीबी सूफियान और जावेद ने पोस्टर छापने का ठेका दिया था। पुलिस का मानना है कि यह सुरक्षा से जुड़ा मामला है। इस लिए प्रिटिंग प्रेस मालिक को इसकी जानकारी पुलिस को देनी चाहिए थी।
क्या था मामला
कानपुर के यतीमखाने में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दो पक्षों के बीच पथराव हो गया। बवाल इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों के बीच बम और फायरिंग शुरू हो गई। दरअसल भाजपा नेता नुपुर शर्मा ने मोहम्मद साहब को लेकर बीते 26 मई को विवादित बयान दिया था। विवादित बयान को लेकर जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हासमी ने जुमे के दिन ही बाजार बंदी का एलान किया था। इसके लिए दीवारों पर पोस्टर भी चस्पा किए गए थे। लेकिन कानपुर देहात में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम था। जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हासमी की पत्नी का कहना है कि वीआईपी मूवमेंट होने की वजह से बाजार बंदी के कार्यक्रम को स्थिगित कर दिया गया था।
पत्थर, बम का भी किया इस्तेमाल
जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने जुलूस का रूप ले लिया। भीड़ एक समुदाय की दुकान बंद कराने लगी। इसका दूसरे पक्ष ने विरोध किया और देखते-देखते दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने टियर गैस और पथराव कर भीड़ को खदेड़ दिया। इसके बाद उपद्रवी गलियों से पुलिस पर पथराव करने लगे।