अयोध्या: आखिरकार पिंजरे में कैद हुआ तेंदुआ, 36 दिन से रामनगरी में था दहशत का माहौल
पिछले 36 दिनों से भय का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार सोमवार की भोर में पिंजरे में फंस ही गया। तकरीबन चार बजे पिंजरे में बंधी बकरी को खाने को तेंदुआ पिंजरे के अंदर तो गया लेकिन फिर बाहर नहीं निकल सका।
छावनी परिषद के जंगलों में पिछले 36 दिनों से भय और दहशत का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार सोमवार की भोर में पिंजरे में फंस गया। तकरीबन चार बजे मीरन घाट पुलिस चौकी के सामने फायरिंग रेंज को जाने वाले मार्ग पर लगे पिंजरे में बंधी बकरी को खाने के लिए तेंदुआ पिंजरे के अंदर तो गया गया, फिर बाहर नहीं निकल सका।
लोहे की सींखचों के बीच जब तेंदुआ गुर्राया तो वन कर्मी भी चार कदम पीछे हट गए। मौके पर मौजूद वन विभाग की टीम ने फौरन अधिकारियों को सूचना दी। इधर आर्मी के अफसर पिंजरे में फंसे तेंदुए को देखने के लिए निकल पड़े। सुबह छह बजे लोगों की भीड़ तेंदुए को देखने के लिए जुटनी शुरू हो गई। भीड़ के दबाव को देखते हुए मीरन घाट मार्ग पर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया। सेना के जवान मुस्तैदी डटे रहे।
वन विभाग की टीम ने भी मोर्चा संभाला और लोगों से आसपास न आने का अनुरोध करती दिखी। मौके पर पहुंचे उप प्रभागीय वन अधिकारी कृपानाथ सुधीर ने आसपास का क्षेत्र खाली करा दिया। पिंजरे को हरे रंग के कपड़े से ढक दिया गया। उन्होंने बताया कि तेंदुआ का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए लखनऊ से अयोध्या के लिए टीम रवाना हो चुकी है। चिकित्सकों की टीम तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी, जिसके बाद तेंदुए को अन्यत्र शिफ्ट किया जाएगा।
छावनी क्षेत्र में तेंदुए की मौजूदगी को लेकर बीती 25 जुलाई को छावनी परिषद के सीईओ यशपाल सिंह ने अलर्ट जारी किया था। जिसमें साफ कहा गया था कि छावनी क्षेत्र में तेंदुए की मौजूदगी से इनकार नहीं किया जा सकता है और लोग छावनी क्षेत्र की सड़कों पर टहलने, अकेले आने जाने से बचें। इसके बाद वन विभाग हरकत में आ गया था। तेंदुए की तलाश और उसके पग चिन्ह को हासिल करने के लिए कई टीमें उतारी गईं।
इसी बीच दो बार तेंदुए का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। प्रभागीय वन अधिकारी सीतांशु पांडेय ने तेंदुए को पकड़ने के लिए वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की टीम की मदद ली। दुधवा टाइगर रिजर्व से आई वाइल्डलाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया की टीम ने तकरीबन 20 दिनों तक मीरन घाट के जंगलों में सर्च अभियान चलाया।
तेंदुए की लोकेशन और उसके आवागमन के मार्ग को तलाशने के लिए वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया की टीम ने मीरन घाट के जंगल को छह ब्लाक में बांट दिया। हर हिस्से में चार-चार कैमरा ट्रैप लगाया गया। इससे टीम को काफी मदद मिली और उसने तेंदुए के मार्ग को लोकेट कर लिया। तेंदुए के आने जाने वाले रूट पर चार बड़े पिंजरी लगाए गए और सभी में बकरियां बांधी गईं। आखिरकार सोमवार कि सुबह तेंदुआ पिंजरे में फंस गया।