Mainpuri By Election: डिंपल या फिर अपर्णा, जानिए मुलायम की दोनों बहुओं में ज्यादा काबिल कौन?
समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद से चर्चा तेज है कि बीजेपी डिंपल के सामने सपा परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव को चुनावी मैदान में उतार सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मुलायम की दोनों बहुओं में ज्यादा काबिल कौन है?
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri by Election), सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हो गई है, अब इस पर उपचुनाव होना है। समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को ही मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी एवं पूर्व सांसद डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद अब अटकलें लग रही हैं कि डिंपल यादव के सामने बीजेपी सपा परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव को चुनावी मैदान में उतार सकती है। अगर ऐसा होता है तो मुकाबला देखने लायक होगा। उससे पहले आइए जानते हैं दोनों उम्मीदवारों की पढ़ाई-लिखाई और राजनीतिक सफर के बारे में...
लखनऊ यूनिवर्सिटी से पढ़ी हैं डिंपल यादव
डिंपल यादव का जन्म 1978 में महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुआ था। वह रिटायर्ड भारतीय सेना कर्नल आर.एस, रावत और चंपा रावत की बेटी हैं। डिंपल की शुरुआती पढ़ाई लखनऊ के आर्मी स्कूल में हुई। उन्होंने यहां से 1993 में हाई स्कूल की पढ़ाई की थी। इसके बाद 1995 में डिंपल यादव ने आर्मी स्कूल से ही 12वीं की पढ़ाई पूरी की। 2019 में दिए हलफनामें के अनुसार डिंपल यादव ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। उन्होंने 1998 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीकॉम की डिग्री ली थी।
बात करें डिंपल यादव के राजनीतिक करियर की तो, राजनीति में उनकी एंट्री साल 2009 में ही हो चुकी थी। डिंपल यादव दो बार कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुकी हैं। डिंपल यादव 2012 पहली बार कन्नौज सीट पर उपचुनाव में जीत दर्ज कर सांसद बनी थीं। इसके बाद 2014 की मोदी लहर में भी उन्होंने अपनी सीट बचाई और कन्नौज से दूसरी बार सांसद चुनी गईं।
लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बड़ा झटका लगा, तब डिंपल को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि डिंपल यादव की ये दूसरी हार थी, इससे पहले 2009 में भी उन्होंने फिरोजाबाद से चुनाव लड़ा था। तब उन्हें कांग्रेस नेता राज बब्बर ने हराया था। लेकिन 2012 के लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव कन्नौज से निर्विरोध सांसद बनीं थीं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि मुलायम की सीट यानी उनकी विरासत पर डिंपल को उतारने के गहरे सियासी मायने भी हैं।
अपर्णा यादव के पास पॉलिटिक्स में मास्टर डिग्री
अपर्णा यादव की स्कूली शिक्षा लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट कॉलेज से हुई थी। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस, मॉडर्न हिस्ट्री और इंग्लिश भाषा में ग्रेजुएशन किया है। इससे पता चलता है कि उनकी राजनीति में हमेशा से रुचि रही है। यहां तक कि उन्होंने अपना पोस्ट ग्रेजुएशन भी इसी में किया था।
विदेश से की आगे की पढ़ाई
अपर्णा ने इंग्लैंड मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा उनकी संगीत में भी विशेष रुचि रही है। उन्होंने भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय से 9 साल तक शास्त्रीय संगीत की शिक्षा हासिल की थी। वे ठुमरी में भी निपुण हैं। साल 2010 में सगाई के बाद 2011 में अपर्णा और प्रतीक यादव की शादी सैफई में हुई थी। इनकी एक बेटी है, जिसका नाम प्रथमा है।
2017 में ली राजनीति में एंट्री
अपर्णा यादव 2017 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति में कुछ खास सक्रिय नहीं थीं। 2017 में समाजवादी पार्टी राजनीतिक और पारिवारिक कलह से जूझ रही थी। इस दौरान प्रतीक यादव की मां और मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता ने बेटे प्रतीक यादव (Pratik Yadav) के लिए टिकट मांगा था। इसको लेकर काफी विवाद हुआ। प्रतीक के राजनीति में न आने पर अपर्णा यादव ने सास की इच्छा पूरी की। इसके बाद साधना के परिवार से अपर्णा सक्रिय राजनीति में आ गईं। अपर्णा यादव ने सपा के टिकट पर लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा। लेकिन अपर्णा को करीब 33 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी के सामने हार का सामना करना पड़ा।
जब भाजपा से जुड़ गईं अपर्णा
अपर्णा यादव (Aparna Yadav) भले ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में किसी भी सीट से उम्मीदवार नहीं थीं, लेकिन इसके बावजूद भी वह भारतीय जनता पार्टी की जीत से गदगद हैं।
बता दें कि इस सीट पर 10 नवंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं 17 नवंबर तक नामांकन होगा। जबकि 21 नवंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। इसके बाद पांच दिसंबर को वोटिंग और आठ दिसंबर को कोउंटिंग होगी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है।