पीएम मोदी ने ग्रेटर नोएडा में वर्ल्ड डेरी समिट का किया उद्घाटन, बोले- दूध से जुड़ा व्यापार संस्कृति का हिस्सा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार 12 सितंबर को ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट पहुंचे। उन्होंने यहां इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन वर्ल्ड डेयरी समिट (IDF WDS) 2022 का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट एंड सेंटर में वर्ल्ड डेरी समिट (World Dairy Summit 2022) का उद्घाटन किया। उनके नोएडा आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर दो हजार पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई है।
करोड़ों लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन
उद्घाटन कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि डेयरी सेक्टर का सामर्थ्य ना सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है बल्कि ये दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी प्रमुख साधन है।
भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत हैं छोटे किसान
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान “mass production” से ज्यादा “production by masses” की है। इस पूरी प्रकिया में बीच में कोई मिडिल मैन नहीं होता, और ग्राहकों से जो पैसा मिलता है, उसका 70 प्रतिशत से ज्यादा किसानों की जेब में ही जाता है। पूरे विश्व में इतना ज्यादा Ratio किसी और देश में नहीं है।
भारत में Dairy Cooperative का है विशाल नेटवर्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत में Dairy Cooperative का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। ये डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में, करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती हैं।
'भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाएं हैं'
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर में Women Power 70 प्रतिशत वर्कफोर्स का प्रतिनिधित्व करती है। भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार वूमेन हैं, महिलाएं हैं। इतना ही नहीं, भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं। 2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था। अब ये बढ़कर 210 मिलियन टन तक पहुंच गया है। यानी करीब-करीब 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
डेयरी सेक्टर को बढ़ाने के लिए लगातार हो रहा काम
पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से हमारी सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए निरंतर काम किया है। आज इसका परिणाम मिल्क प्रोडक्शन से लेकर किसानों की बढ़ी आय में भी नजर आ रहा है।
टेक्नोलॉजी की मदद से हो रही पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से हम पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान कर रहे हैं। हमने इसे पशु आधार नाम दिया है।
पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर दिया जा रहा जोर
पीएम मोदी ने कहा कि खेती में मोनोकल्चर ही समाधान नहीं है, बल्कि विविधता बहुत आवश्यकता है। ये पशुपालन पर भी लागू होता है। इसलिए आज भारत में देसी नस्लों और हाइब्रिड नस्लों, दोनों पर ध्यान दिया जा रहा है। भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी बल दे रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज और ब्रुसलॉसिस की वैक्सीन लगाएंगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
पशुओं के लिए स्वदेशी वैक्सीन तैयार
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में Lumpy नाम की बीमारी से पशुधन की क्षति हुई है। विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। हमारे वैज्ञानिकों ने Lumpy Skin Disease की स्वदेशी वैक्सीन भी तैयार कर ली है।