Azam Khan के भैंस-बकरी चोरी के मामले में अधिकारी ने दी गवाही, बोले- की गई थी लूटपाट और तोड़फोड़
रामपुर शहर विधायक आजम खां के खिलाफ यतीमखाना प्रकरण के एक मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। इसमें पूर्व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आरपी सिंह गवाही के लिए कोर्ट में पेश हुए।
रामपुर शहर विधायक आजम खां के खिलाफ यतीमखाना प्रकरण के एक मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। इसमें पूर्व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आरपी सिंह गवाही के लिए कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उनके बयान दर्ज कर लिए हैं।
गवाह ने पुलिस को दिए बयान का समर्थन किया
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने पुलिस को पूर्व में दिए बयान का समर्थन किया। कहा कि यतीमखाना बस्ती में लूटपाट और तोड़फोड़ की गई थी। अदालत अब इस मामले में चार नवंबर को सुनवाई करेगी। सपा सरकार के समय रामपुर की यतीमखाना बस्ती के घरों को तोड़ की गई थी।
भाजपा सरकार आने पर दर्ज हुआ था मुकदमा
भाजपा सरकार आने पर वर्ष 2019 में बस्ती के लोगों ने शहर कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। इन मुकदमों में आजम खां के इशारे पर लोगों से मारपीट, लूटपाट करने व घरों को तोड़ने का आरोप लगाया था। इन मुकदमों में आजम खां के अलावा सेवानिवृत्त सीओ सिटी आले हसन खां, सपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल समेत 20-25 लोगों पर मुकदमा लिखाया था।
आजम खां पर लगा था भैंस-बकरी चोरी का आरोप
इन मुकदमों में ही आजम खां पर भैंस और बकरी चोरी के भी आरोप लगे थे। इन मुकदमों में आजम खां की जमानत मंजूर हो चुकी है। मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आरपी सिंह को गवाही के लिए पेश किया।
उन्होंने पूर्व में पुलिस को दिए बयानों का समर्थन किया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमित सक्सेना ने बताया कि गवाही पूरी हो गई है। इसके अलावा डूंगरपुर के एक मामले में भी एक गवाह आया था। उसकी भी गवाही पूरी हो चुकी है।
पालिका कर्मियों की जमानत अर्जी खारिज
दस्तावेज जलाने के आरोप में जेल में बंद नगर के दो कर्मचारियों की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी है। जौहर यूनिवर्सिटी में खोदाई के दौरान नगर पालिका की सफाई मशीन मिलने के बाद प्रशासन ने पालिका के लेखा विभाग कार्यालय को सील कर दिया था।
रिकॉर्ड जलाते हुए पुलिस ने पकड़ा था
पुलिस ने इस मामले में नगर पालिका के दो कर्मचारियों को रिकार्ड जलाते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। ईओ इंदुशेखर तिवारी की ओर से पुलिस ने पालिकाध्यक्ष फात्मा जबी, लिपिक अजीमुशान, जुनैद और अखलाक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस ने आरोपित लिपिक अखलाक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जुनैद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
दोनों ने जमानत के लिए याचिका अदालत में दायर की गई थी। प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता प्रताप मौर्य के मुताबिक कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।