लखनऊ में चल रही थी आतंक की 'पाठशाला', दान और जकात के पैसों से तैयार की गई टेरर फैक्ट्री
लखनऊ में आतंक की पाठशाला चलाई जा रही थी यह खुलासा केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बाद हुआ है। पिछले दिनों एनआईए और यूपी एटीएस ने प्रदेश के कई हिस्सों में छापेमारी की थी। इस छापेमारी में गिरफ्त में आए संदिग्धों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आतंकी की पाठशाला चलाई जा रही थी। आतंक की पाठशाला को पीएसआई से जुड़े सदस्य चला रहे थे। देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और एसडीपीआई के ठिकानों पर छापेमारी हुई इन संगठनों से जुड़े सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। पीएफआई के यूपी अध्यक्ष वसीम अहमद उर्फ बबलू और एसडीपीआई के मोहम्मद अहमद बेग की गिरफ्तारी के बाद से कई बड़े खुलासे हुए हैं। एटीएस और एनआईए की गिरफ्त में आए संदिग्धों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि सामाजिक कार्य और शिक्षा के लिए दिए जाने वाले जकात और चंदे की रकम से आतंकी पाठशाला का संचालन हो रहा था। इस खुलासे ने सनसनी मचा दी है। दरअसल, मुसलमान अपनी कमाई का करीब ढाई फीसदी हिस्सा जकात या दान देते हैं। कई लोग सीधे गरीबों को पैसे दान में देते हैं, तो कई लोग सामाजिक और शिक्षा के कार्य में लगी संस्थाओं को दान देते हैं। इन पैसों से आतंक की फैक्ट्री तैयार कर लिए जाने का मामला सामने आया है। अब इन फैक्ट्रियों पर यूपी में बड़ी कार्रवाई हो रही है।
एनआईए और एटीएस की छापेमारी के बाद गिरफ्त में आए संदिग्धों से लगातार पूछताछ चल रही है। इसमें चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही है। पीएफआई और एसडीपीआई की फंडिंग को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि इनकी फंडिंग में मुख्य रूप से रिहैब इंडिया फाऊंडेशन शामिल रही है। रिहैब इंडिया का मुख्यालय दिल्ली में है। लखनऊ में भी इस संगठन की गतिविधियां चल रही हैं। पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े लोगों पर देश भर में चले छापों के दौरान प्रदेश से भी कई गिरफ्तारियां हुई हैं राजधानी लखनऊ से पीएफआई के यूपी अध्यक्ष वसीम अहमद उर्फ बबलू को 22 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, 23 सितंबर को एसडीपीआई के मोहम्मद अहमद बेग की गिरफ्तारी हुई थी।
अब ईडी का ऐक्शन हो सकता है शुरू
गिरफ्त में लिए गए संदिग्धों से पूछताछ में जिस प्रकार की बातें सामने आ रही है। उसके बाद दावा किया जा रहा है कि जल्द ही ईडी पूरे मामले में एक्शन में दिख सकती है। दरअसल, रिहैब इंडिया फाउंडेशन का इस पूरे घटनाक्रम में नाम आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय फंडिंग करने वालों का पता लगाने में जुट गई है। फंडिंग रिहैब इंडिया फाउंडेशन के जरिए होने का मामला सामने आने के बाद अब पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। रिहैब इंडिया फाउंडेशन ने 20 से 25 मुस्लिम देशों में अपना नेटवर्क फैला रखा है। मुस्लिम देशों से फाउंडेशन को जकात और चंदे के रूप में काफी धनराशि मिलती है। फाउंडेशन की मदद से मदरसों तक पैसे पहुंचाए जाते हैं। मदरसे भी इस रकम के साथ अन्य सोर्सेज से मिली धनराशि को पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों को भेजते थे। इन पैसों का उपयोग पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े सदस्यों एवं इससे जुड़े अन्य संगठनों की ओर से युवाओं को बरगलाने के लिए किया जाता है।
टेरर फंडिंग के पूरे नेटवर्क में निशाने पर जरूरतमंद लोगों को लेते थे। उन्हें अपने नेटवर्क में लाकर पहले ये लोग उनका माइंडवाश करते थे। ये लोग गैर मुस्लिमों के लिए उनके मन में नफरत का भाव पैदा करते थे। पूछताछ में यह भी तथ्य सामने आया है कि मुस्लिम युवाओं को इस्लामिक कट्टरपंथी बनाने की ट्रेनिंग भी दी जाती थी। उन्हें आतंकी संगठनों में काम करने के लिए भी तैयार किया जाता था।
रिहैब फाउंडेशन के खिलाफ पुख्ता सबूत का दावा
रिहैब इंडिया फाउंडेशन के खिलाफ फंडिंग के पुख्ता सबूत मिले हैं। जांच में जुटी एजेंसियों में फाउंडेशन को विदेशों से होने वाली ठंडी को लेकर इस प्रकार का दावा किया है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इनको फंडिंग ऐसे होती थी कि केंद्र सरकार को भी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। विदेशी फंडिंग पर लगाम कसे जाने के बाद इस प्रकार की फंडिंग को केंद्रीय जांच एजेंसियां गंभीरता से ले रही हैं। दावा किया गया है कि जकात या चंदे की रकम मुस्लिम युवाओं की शिक्षा और रोजगार के नाम पर लिया जाता था। उन्हें रोजगार और शिक्षा का लालच दिया जाता था। बाद में इस्लामिक कट्टरपंथी बनाकर दंगों और आतंक की राह पर रोक दिया जाता था। यह पूरा नेटवर्क लखनऊ और आसपास के जिलों में काफी सक्रिय था।
धर्म परिवर्तन में भी संलिप्तता
पीएफआई और एसडीपीआई के गिरफ्तार संदिग्धों से पूछताछ में खुलासा यह भी हुआ है कि यह लोग युवाओं के जरिए धर्मांतरण भी कराते थे। इनके निशाने पर गैर मुस्लिम लड़कियां और महिलाएं होती थी अहमद बेग ने अपने यूट्यूब पर चैनल पर सिर्फ तन से जुदा करने का वीडियो भी डाला था इसमें एक युवक घुटनों के बल बैठा है दूसरा पीछे खड़ा है ठीक है खराब व्यक्ति व्रत से उसके गले को रेट रहा था। यह पूरा एक फनी वीडियो के रूप में दिखाया जा रहा है। लेकिन, इसके पीछे की मंशा केंद्रीय एजेंसियों की ओर से कहा जा रहा है कि कुछ और ही है। अहमद बेग के लैपटॉप और मोबाइल से कई चौंकाने वाले ईमेल मिले हैं। सुरक्षा एजेंसियां उसे डिकोड कर रही हैं।
माजिद की हुई है गिरफ्तारी
यूपी एसटीएफ ने रविवार की रात विभूति खंड इलाके से पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष के राइट हैंड मोहम्मद माजिद को गिरफ्तार किया है। माजिद काकोरी का रहने वाला है। उसके पास से मिले मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट में देश विरोधी आपत्तिजनक चीजें मिली हैं। माना जा रहा है कि इसकी गिरफ्तारी पहले गिरफ्तार हुए पीएफआई और एसडीपीआई के सदस्यों की पूछताछ के बाद हुए खुलासों के बाद हुआ है। माना जा रहा है कि उसके पास से मिली सामग्रियों से नेटवर्क के अन्य लोगों तक सुरक्षा एजेसियां पहुंच पाएंगी।