E-Vidhan: पेपरलेस हुई देश की सबसे बड़ी विधानसभा, 23 मई से शुरू हो रहा डिजिटल सत्र; जानें योगी सरकार के इस नए कीर्तिमान का पूरा विवरण
अक्सर सीएम योगी के कंप्यूटर ज्ञान को लेकर तंज कसने वाले अखिलेश यादव भी विधान भवन में हुए परिवर्तन को देख अचंभित रह गए और मुक्त कंठ से योगी सरकार की सराहना की।
देश की सबसे बड़ी विधानसभा अब पेपरलेस हो गई है. 403 सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश की विधानसभा अब ई-विधान के तहत कामकाज करेगी. 23 मई से शुरू होने रहे विधानसभा का बजट सत्र पूरी तरह से हाईटेक होगा. सदस्यों के सवाल और मंत्रियों के जवाब सभी कुछ टैबलेट के माध्यम से होंगे. इतना ही नहीं आम जनता भी सदन में अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों के व्यवहार को लाइव ट्रैक कर सकेंगे. इसके लिए विधानसभा में सभी सीटों पर टैबलेट लगाए गए हैं. शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने ई-विधानसभा की शुरुआत की. इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईटेक विधानसभा का निरीक्षण भी किया था.
यूपी विधानसभा के 23 मई से शुरू होने जा रहे सत्र में काफी कुछ बदला नजर आएगा. इस बार न सिर्फ विधायकों की सीट निर्धारित होगी बल्कि सीट के साथ लगे मेज पर Tablet भी इंस्टॉल रहेगा. इसके माध्यम से ही विधायक सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे. E-vidhan को यूपी विधानसभा में पूरी तरह लागू किया जा रहा है.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में सदस्यों के बैठने की व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली, साथ ही गैलरी और NeVa के कंट्रोल रूम का भी लोकार्पण किया. बताया जा रहा है कि विधायक अपनी सीट पर लगे Tablet के माध्यम से ही सवाल कर पाएंगे. मंत्रियों को भी अपने Tablet से ही देखकर जवाब देना होगा. 23 मई से शुरू होने वाले यूपी विधानसभा सत्र में E-vidhan लागू करने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं है. मुख्य मंडप में जहां सदन की बैठक होती है, हर सीट पर Tablet लगा दिए गए हैं.
ये Tablet उसी विधायक के Login और पासवर्ड से खुलेंगे, जिसके नाम पर वो सीट अलॉट होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सीट पर बैठकर इस नई व्यवस्था को परखा. यूपी विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना ने मुख्यमंत्री को सदस्यों के बैठने की व्यवस्था से संबंधित पूरी योजना समझाई और ये भी बताया कि विधानसभा में कैसे स्मार्ट तरीके से काम होगा.
रचा नया कीर्तिमान
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मात्र एक-डेढ़ माह में 'ई-विधान' व्यवस्था को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को धन्यवाद दिया. वहीं, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सदन के बदले स्वरूप को देखकर हैरान रह गए. उन्होंने कहा कि विधानसभा को देखकर उन्हें तो लगा कि जैसे यह कोई आईटी सेंटर हो.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा सदस्यों से मर्यादित आचरण, जनहित के लिए प्रतिबद्धता और सामूहिक जवाबदेही के साथ काम करने का आह्वान किया है. संसदीय लोकतंत्र को शासन की सर्वश्रेष्ठ प्रणाली बताते हुए उन्होंने संसद और विधानमंडलों को जनता की आकांक्षाओं का मंच कहा. इसके साथ ही विधायकों को अधिकाधिक चर्चा और संवाद में भाग लेने के लिए प्रेरित भी किया.
लोकसभा अध्यक्ष बिरला, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम और विधानसभा को पेपरलेस करने के लिए लागू नई तकनीक 'ई विधान' के औपचारिक शुभारंभ अवसर पर विधानसभा में सदस्यों को सम्बोधित कर रहे थे. बिरला ने उत्तर प्रदेश को देश की आध्यत्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक चेतना के केंद्र की संज्ञा देते हुए विधानसभा के गौरवशाली इतिहास को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा शायद देश की सबसे बड़ी विधानसभा होगी, यह प्रदेश वो प्रदेश हैं जहां के सांसद देश के प्रधानमंत्री हैं.
वन नेशन वन एप्लिकेशन के भाव के अनुरूप है 'ई-विधान': सीएम योगी
कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि हम सदन में उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता के हित के लिए चिंतन-मनन करने के लिए आये हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशानुरूप शासन को तकनीकी से जोड़ने का कार्य हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल मिशन को बढ़ाते हुए 'वन नेशन वन एप्लिकेशन' के भाव के साथ विधानसभा में 'ई-विधान' प्रणाली लागू की गई है.
सीएम योगी ने कहा कि हमने 02 वर्ष पहले ही पेपरलेस बजट को प्रस्तुत कर लिया था. ई कैबिनेट और ई बजट के बाद अब पूरी विधानसभा पेपरलेस हो रही है. 23 मई से शुरू हो रहे सत्र में आवश्यकतानुसार दस्तावेजों की हार्डकॉपी मिल सकेगी लेकिन आगामी सत्रों से सब कुछ पूरी तरह पेपरलेस होगा. नई प्रणाली से परिचय कराते हुए उन्होंने विधायकों को बताया कि अब सदन में आपको बहुत मोटा बैग लाने की ज़रूरत नहीं होगी. पहले विधायक जब सदन में आते थे तो अपने साथ सहायक को साथ लेकर चलते थे. बहुत बार उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ बहस होती थी कि उनका सहायक बैग लेकर सदन तक उनके साथ जाए. अब ई-विधान के बाद आपका काम सरल हो जाएगा.
कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी अपने विचार रखे. इस पर मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को भी धन्यवाद दिया. साथ ही कहा कि हम जनता के हितों के लिए मिलकर कार्य करेंगे. उन्होंने कहा कि विपक्ष के द्वारा उठाये गए सवाल आलोचनात्मक जरूर होते हैं, लेकिन ये सीधे 25 करोड़ जनता के हित के लिए भी होते हैं.
विधानसभा के बदलाव देख दंग रह गए अखिलेश
कार्यक्रम में मंचासीन नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सदन के बदले स्वरूप को देखकर हैरान रह गए. उन्होंने कहा कि विधानसभा को देखकर उन्हें तो लगा कि जैसे यह कोई आईटी सेंटर हो. इसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और राज्य सरकार को बधाई दी.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कंप्यूटर ज्ञान पर अक्सर ही चुटकी लेने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष गुरुवार को विधान भवन में अचंभित रह गए। उन्होंने विधान भवन में ई-विधान की व्यवस्था देकर मुक्त कंठ से योगी आदित्यनाथ सरकार और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की प्रशंसा की।
विधानसभा चुनाव 2022 के प्रचार के दौरान अखिलेश यादव अक्सर यह कहकर सीएम योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते थे कि वह कंप्यूटर और स्मार्टफोन चलाना नहीं जानते हैं। आज विधान भवन को देखकर उन्होंने कहा कि मैं तो चौंक गया कि यह विधान भवन का कक्ष है या कि कोई बड़ा आइटी सेंटर। यह तो बड़ा आईटी सेंटर जैसा है। अखिलेश यादव भी सदन के बदले स्वरूप को देखकर हैरान रह गए। विधान भवन को पेपर लेस करने के लिए विधानसभा में अब हर विधायक की सीट पर टैबलेट लगा दिया गया है।