काशी के 800 घरों तक नहीं पहुंचेगी देव दीपावली की रोशनी, प्रशासन ने छोटी नाव के संचालन की नहीं दी इजाजत
देव दीपावली को लेकर वाराणसी तैयार है, लेकिन प्रशासन की ओर से छोटे नाविकों को गंगा में नाव चलाने की इजाजत नहीं देने पर उनके घरों तक रोशनी नहीं पहुंचेगी। एक दिन की कमाई से इन छोटे नाविकों को महीनेभर की इनकम हो जाती है। वहीं, अनुमति नहीं मिलने से इनके चेहरे उतरे हुए हैं।
काशी पूरी तरह से देव दीपावली के लिए तैयार हो चुकी है। सभी घाट रंग-बिरंगी झालरों से दमक रहे हैं। साल में एक दिन के आयोजन के लिए घाट से जुड़े नाविक बड़े उत्साह में रहते हैं, क्योंकि सिर्फ 1 दिन के आयोजन से महीनों की कमाई हो जाती है, लेकिन इस बार प्राकृतिक और प्रशासनिक मजबूरी ने छोटे नाविकों को निराश कर दिया है। बड़े नाव और मोटर से संचालित होने वाले नावों को गंगा में संचालित करने की इजाजत दी गई है। वहीं, छोटे नाव, जोकि पतवार से चलाए जाते हैं, उसकी इजाजत नहीं मिली है। ऐसे में करीब आठ सौ परिवार इस बार की देव दीपावली पर निराश हैं। बीते तीन महीनों से बाढ़ की वजह से संचालन पूरी तरह से ठप है, लेकिन प्रशासन ने इस बारे में बैठक में कोई चर्चा करना भी उचित नहीं समझा। वहीं, अब इन पर रोक लगाकर और दर्द दे दिया है।
प्रशासनिक सख्ती और प्राकृतिक मजबूरी बनी वजह
इस बार देव दीपावली में गंगा का जलस्तर सामान्य से करीब 25 फीट ऊपर है। बीते 3 महीनों से बाढ़ की वजह से छोटे नाविकों का धंधा पूरी तरह से चौपट रहा है। बढ़े हुए जलस्तर की वजह से गंगा में बहाव तेज है। जिसकी वजह से प्रशासन ने छोटे पतवार वाले नाव को चलाने की इजाजत नहीं दी है। काशी की अगर बात करें तो 800 से ज्यादा परिवार अस्सी घाट से लेकर राजघाट तक छोटे पतवार वाले नाव पर आश्रित हैं। 1 दिन के आयोजन से परिवारों को महीनों की आमदनी हो जाती थी, लेकिन प्राकृतिक मजबूरी और प्रशासनिक सख्ती की वजह से इस बार दीपावली की रोशनी उनके घर तक नहीं पहुंच रही है और उनके चेहरे बुझे हुए हैं।
बैठक में किसी ने नहीं रखा इनका पक्ष
देव दीपावली की तैयारी के मद्देनजर 2 दिन पहले नाविक समाज के साथ जिले के आला अधिकारियों की बैठक हुई थी। निषाद राज घाट के राजेश साहनी बताते हैं कि बैठक में मोटर बोट वाले नाव संचालकों ने अपनी मांगें तो मनवा ली, लेकिन किसी ने हम छोटे चप्पू वाले नाविकों के बारे में नहीं सोचा और न ही बैठक में कोई चर्चा की। अस्सी घाट से लेकर राजघाट के बीच में तकरीबन 8 सौ से ज्यादा परिवार छोटी नाव पर आश्रित हैं। जिसकी क्षमता 4-5 लोगों की होती है। के बैठने की होती है। देव दीपावली के समय हम लोगों की अच्छी खासी कमाई हो जाती है, लेकिन इस बार गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। जिसकी वजह से गंगा में लहर ज्यादा है। प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से हम लोगों के नौका संचालन पर रोक लगा दी है। बीते तीन महीनों से हम लोग बाढ़ की वजह से नाव संचालन पूरी तरह से ठप है।