यूपी का एक ऐसा मंदिर जहां गिद्ध को जोड़ा पूरा करता है मन की मुराद, देखें क्या है इसकी मान्यता
जिला मुख्यालय से करीब बीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित विकास खंड नकहा के कोठीला ग्राम पंचायत में गिद्ध सती मंदिर में हर साल बसंत पंचमी से एक माह तक मेला लगता है। हर रविवार मंदिर पर जुटते है श्रद्धालु।
लखीमपुर: एक ऐसा मंदिर जहां की मान्यता है कि यहा जो मनौती मांगों वह पूरी होती है। हैरत की बात ये है कि ये मन्नत कोई देवी या देवता पूरी नहीं करते बल्कि गिद्ध को जोड़ा पूरी करता है। जी हां पिछले साठ साल से इस मंदिर की यही मान्यता है। जिला मुख्यालय से करीब बीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित विकास खंड नकहा के कोठीला ग्राम पंचायत में 60 साल पूर्व एक मंदिर का निर्माण ग्रामीणों ने कराया था। इस मंदिर में दो मूर्तियां स्थापित हैं। यह मूर्तियां किसी देवी-देवताओं की नहीं बल्कि गिद्ध के जोड़े की हैं।
इस मंदिर को लोग गिद्ध सती मंदिर के नाम से पुकारते हैं। यहां हर रोज बड़ी संख्या में लोग आकर पूजा पाठ करते हैं और अपनी मन्नतें मांगते हैं। ग्रामीणों की मान्यता है कि इस मंदिर में उनकी मांगी हर मुराद पूरी होती है। मंदिर प्रांगण में हर साल बसंत पंचमी से एक महीने का मेला भी लगता है। जिसमें दूर दूर तक के लोग आते हैं।
गांव के लोगों के मुताबिक 60 साल पहले गांव से कुछ दूरी पर नहर के किनारे एक पशु की मौत हो गई थी। जिसे खाने के लिए गिद्धों का झुंड आ गया था। जानवर का मांस खाने के बाद सभी गिद्ध उड़ गए। लेकिन एक गिद्ध की मौत हो गई थी। गिद्ध की मौत के बाद एक मादा गिद्ध भी वहीं मौजूद रही। ग्रामीणों के मुताबिक कुछ दिन बाद ही खाना पीना छोड़ चुके मादा गिद्ध की भी मौत हो गई।
दस दिन तक नर गिद्ध के शव पर बैठी रही थी मादा गिद्ध
ग्रामीण रामप्रसाद वर्मा बताते हैं कि मादा गिद्ध मृत गिद्ध के शव के पास बैठी रहती थी। वह कुछ खाए बिना ही वहां से थोड़ी दूर पर नहर में जाकर स्नान करती थी और फिर लौट कर मृत गिद्ध के शव के पास आ जाती थी। यह सिलसिला कई दिनों तक चला। करीब 10 दिनों के बाद दूसरे गिद्ध ने भी अपने साथी गिद्ध के शव के पास ही प्राण त्याग दिए। गिद्ध जोड़ों के बीच की यह प्रेम कहानी क्षेत्र के हर बुजुर्ग और जवान की जुबान पर रटी हुई है।
गांव वालों ने दोनों मृतक गिद्धों के शवों का विधि विधान से गांव के पास ही अंतिम संस्कार कर दिया। साथ ही एक छोटा मंदिर भी बना दिया। जिसमें दोनों गिद्धों की मूर्तियां रखी गई। धीरे धीरे यहां काफी लोग श्रद्धा भाव से आने लगे। गांव वालों ने बाद में भव्य मंदिर बना दिया। वर्तमान में इस मंदिर कमेटी के अध्यक्ष गांव के रंजीत कुमार वर्मा है। शिवपुर गांव के उत्तम शुक्ला इस मंदिर के पुजारी है। खास बात यह है कि इस मंदिर में रविवार के दिन ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। पूजा अर्चना करते हैं और अपनी मन्नते मांगते हैं।