कौन हैं नवेद मियां और बाबर खां, जिन्होंने दिया भाजपा को समर्थन, रामपुर में उड़ा दी अखिलेश की नींद
रामपुर में विधानसभा उप चुनाव का गणित बैठाने और बिगाड़ने का खेल खूब चल रहा है। एक तरफ आजम खान के चेहरे की बदौलत सपा रामपुर का रण जीतने की तैयारी कर रही है। दूसरी तरफ, भाजपा की रणनीति विधानसभा सीट पर काम करती दिख रही है।
रामपुर लोकसभा उप चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने रामपुर शहर विधानसभा उप चुनाव में भी जीत दर्ज करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। आकाश सक्सेना हनी को टिकट देकर कुछ यही कोशिश की गई है। आकाश सक्सेना के साथ उन सभी लोगों का जुड़ाव होता दिख रहा है, जो आजम खान के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहे हैं। आकाश सक्सेना करीब 43 मामलों में आजम खान के खिलाफ वादी हैं। कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं। उनके कारण ही आजम खान के परिवार को जेल तक जाना पड़ा। फर्जी पासपोर्ट और प्रमाण पत्रों के मामले में पहले आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम की सदस्यता गई थी। अब इस बार आजम खान की सदस्यता चली गई है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लग चुका है। ऐसे में वे तमाम नेता आजम खान के खिलाफ अब तक स्थानीय स्तर पर लड़ाई लड़ रहे थे, वे खुलकर आकाश सक्सेना के साथ आ गए हैं। इसमें सबसे बड़ा नाम नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां और बाबर खां का भी नाम सामने आया है। दोनों भाजपा की जगह उम्मीदवार आकाश सक्सेना को समर्थन देने की बात करते हुए एक साथ आ गए हैं।
रामपुर में भाजपा की रणनीति का असर है कि आकाश सक्सेना रामपुर के चुनाव में बढ़त बनाते दिख रहे हैं। वहीं, अखिलेश यादव ने आजम खान पर भरोसा कर रामपुर कारण जीतने की जो रणनीति तैयार की थी, वह सफल होती नहीं दिख रही है। मुस्लिम नेताओं के साथ आने से सपा अध्यक्ष को मुस्लिम-यादव समीकरण में दरार पड़ती दिख रही है। इस स्थिति से निपटने की कोशिश हो रही है। लेकिन, इस बार माहौल आजम खान के खिलाफ बनाने की कोशिश होती दिख रही है। मुस्लिम नेताओं का एक बड़ा वर्ग, जो आजम खान के खिलाफ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ता दिख रहा था, वह खुलकर भाजपा के पक्ष में आ खड़ा हुआ है। रामपुर नवाब परिवार के सदस्य और कांग्रेस से पांच बार विधायक रहे काजिम अली खान ने आकाश सक्सेना को समर्थन दे दिया है। वहीं, बाबर खां और मोहम्मद उस्मान जैसे नेता भी आकाश के पक्ष में उतर गए हैं।
आकाश को मिल रहा मुस्लिम नेताओं का समर्थन
रामपुर में मुस्लिम वोट बैंक सबसे बड़ा है। मुस्लिम वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा हमेशा से आजम खान के पक्ष में हमेशा रहा है। अब रामपुर विधानसभा उप चुनाव में मुस्लिम नेता खुलकर भाजपा के साथ आ रहे हैं। यह सपा के लिए खतरे की घंटी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामपुर के रण की जिम्मेदारी आजम खान को दे दी है। उन्होंने अपना मनपसंद उम्मीदवार असिम रजा को एक बार फिर मैदान में उतार दिया है। लेकिन, रामपुर लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी आजम परिवार के नहीं रहने की स्थिति में मुस्लिम वोट बैंक में बंटवारे की चर्चा शुरू हो गई है।
कौन हैं काजिम और बाबर?
काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां रामपुर नवाब परिवार के सदस्य और कांग्रेस से पांच बार विधायक रह चुके हैं। वहीं, बाबर अली खां गन्ना विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। दोनों ने आकाश सक्सेना को समर्थन का ऐलान कर दिया है। इनके अलावा राष्ट्रीय लोक दल के पूर्व जिला अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान ने भी भाजपा के समर्थन की घोषणा कर दी है। रामपुर की सियासत में नवाब खानदान और आजम खान के परिवार का दबदबा रहा है। रामपुर के नवाब परिवार के सदस्य नवेद मियां बिलासपुर और स्वार सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं। प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने थे। वहीं, उनके पिता जुल्फिकार अली खान उर्फ मिक्की मियां पांच और बेगम नूर बानो दो बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। दोनों परिवारों से शुरू से ही 36 का आंकड़ा रहा है।
10 बार रह चुके हैं विधायक
आजम खान रामपुर शहर से 10 बार विधायक चुने गए हैं। वे लोकसभा सदस्य और राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी डॉ. तंजीम फात्मा के राज्यसभा सदस्य और शहर की विधायक रह चुकी हैं। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम दूसरी बार स्वार सीट से विधायक चुने गए हैं। आजम खान से अदावत के चलते ही नवेद मियां ने भाजपा के समर्थन का ऐलान किया। नवेद मियां और बाबर खां ने जून में हुए लोकसभा उपचुनाव के दौरान भी भाजपा उम्मीदवार का समर्थन कर दिया था। रामपुर लोकसभा उप चुनाव में भाजपा जीत दर्ज करने में कामयाब रही।
सपा की बढ़ गई है टेंशन
कांग्रेस के सीनियर मुस्लिम नेताओं की बगावत ने रामपुर में सपा की टेंशन बढ़ा दी है। इसको लेकर पार्टी अब शिकायती मोड में आ गई है। रामपुर सपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने इन नेताओं के भाजपा को समर्थन दिए जाने के संबंध में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिख दिया है। जिले में कांग्रेस का वजूद खत्म करने की कोशिश के रूप में इसे पेश किया जा रहा है। कांग्रेस के संचालन का केंद्र नूरमहल, पार्टी के जिला अध्यक्ष और शहर अध्यक्ष के अलावा अन्य नेताओं पर भी भाजपा को समर्थन देने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि जिले में कांग्रेस के वजूद को खत्म करने के लिए नवेद मियां, मुतिउर्रहमान बबलू के स्तर पर षडयंत्र किया जा रहा है।