रायबरेली में पति को रिक्शे पर लादकर अस्पताल पहुंची महिला, बोली- साहब सिर्फ पैसे वालों को मिलती है एंबुलेंस
रायबरेली में एक महिला अपने पति को हाथ रिक्शा से लेकर जिला अस्पताल इलाज कराने पहुंच गई। महिला ने बताया कि एंबुलेंस की सेवा सिर्फ पैसे वालों को मिलती है, गरीब होने की वजह से उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली। मामले की जानकारी होती ही प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या है, इसकी पोल एक तस्वीर ने खोलकर रख दी है। रायबरेली में देर शाम एक महिला अपने पति को हाथ रिक्शा से पैदल-पैदल लेकर जिला अस्पताल परिसर में दवा दिलाने के लिए पहुची। महिला से पूछा गया कि उसे एंबुलेंस नहीं मिली क्या, तो उसने कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है। हम गरीब है, एंबुलेंस कहा मिलेगी। इस मामले का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो स्वास्थ्य महकमा और जिले के उच्च अधिकारी की नींद खुली और महिला से मिलने अस्पताल पहुंच गए।
डेप्युटी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक गरीब और असहायों को उचित इलाज, सुविधाएं मुहैया कराने के लिए लगातार स्वास्थ्य केंद्रों का औचक दौरा करते रहते हैं। साथ स्वास्थ्य विभाग में कोई खामी मिलने पर कार्रवाई करने में कोताही नहीं करते है। इन सबके बावजूद भी स्वास्थ्य महकमे में फैला भृष्टाचार कम होने का नाम नहीं लेरहा है। गरीब और असहायों के लिए संचालित की जा 108, 102 एंबुलेंस भी अब कमाई का जरिया बन गई है। ये हम नहीं कहते बल्कि देर शाम जिला अस्पताल में अपने घायल पति और बच्चों को हाथ रिक्शे पर लेटाकर लाई हुई मटिहा गांव निवासी पीड़िता ने कहा। पीड़िता ने बताया कि कुछ दिन पहले उसके पति रामू का एक्सीडेंट हो गया था। आस-पास के लोगों ने दुर्घटना करने वाली गाड़ी को पकड़ कर सवार व्यक्ति से इलाज के लिए पैसा भी रामू को दिलाया, लेकिन पैसा रामू के पिता ने ले लिया और उसे घर लेकर चले गए।
अस्पताल में कराया जा रहा है इलाज
पिछले तीन दिनों से न तो उसके पति के पास दवा है और न ही उसे कुछ खाने को दिया गया और घर से भी भगा दिया गया है। अब वह इधर-उधर किसी तरह गुजर बसर अपने परिवार के साथ रह रही है। वह उसे दवा दिलाने के लिए अस्पताल उसी रिक्शे से लेकर आई, जिसे चलाकर उसका पति अपने परिवार का पेट भरता था। जब उससे पूछा गया कि उसे एंबुलेंस नहीं मिली क्या तो उसने कहा कि हम गरीब और पैसा नहीं तो हमें एंबुलेंस कहा मिलेगी। इमरजेंसी में जब उसने पति को दवा देने की बात कही तो वहां मौजूद चिकित्सक ने कहा कि यहां सिर्फ सुई लगाई जाती है। दवा नहीं मिलती, ये सुनते ही वो मायूस हो गई। रायबरेली सिटी मजिस्ट्रेट पल्लवी मिश्रा ने बताया की महिला रिक्शे से लेकर अपने पति को अस्पताल पहुंची थी। कुछ लोगों ने प्रशासन को जानकारी दी तो हम लोग मौके पर जिला अस्पताल पहुंचे हैं। परिवार की पूरी मदद की जा रही है। साथ ही अस्पताल में इलाज भी पूरी तरह से कराया जाएगा।