बच्चा चोरी की अफवाह बनी आफत, देवबंद में युवक की हत्या, कौशांबी में महिला को निर्वस्त्र करके पीटा; 7 दिन में 30 लोगों पर हमला
बच्चा चोरी की अफवाह का यह पहला मामला नहीं है। पिछले 7 दिन में 30 मामले आए हैं। अफवाह फैली कैसे? शिकार कौन लोग हुए? पुलिस क्या कह रही? हमें करना क्या चाहिए? आइए बारी-बारी सब जानते हैं।
7 सितंबर 2022, देवबंद में 19 साल का शाहरुख रात के दो बजे काम करके लौट रहा था। साथ में चार और साथी थे। रास्ते में दो लोग मिले। सभी लोगों को रोका और शाहरुख को गोली मार दी। उन दोनों को लगा कि यह सभी बच्चा चोर हैं। पुलिस ने अगले दिन गोली मारने वाले धर्मवीर और ओमपाल को गिरफ्तार कर लिया।
बच्चा चोरी की अफवाह का यह पहला मामला नहीं है। पिछले 7 दिन में 30 मामले आए हैं। अफवाह फैली कैसे? शिकार कौन लोग हुए? पुलिस क्या कह रही? हमें करना क्या चाहिए? आइए बारी-बारी सब जानते हैं।
सबसे पहले हम सोशल मीडिया पर चल रहीं अफवाह के वीडियो और उसकी सच्चाई जानेंगे
वॉट्सऐप पर आया पुलिस का मैनिपुलेटेड यानी फर्जी वीडियो बांदा के मरका गांव के छोटे कुमार ने हमें बच्चा चोरी से जुड़े चार वीडियो और 3 फोटो भेजी। एक वीडियो में एक पुलिस अधिकारी की बाइट लगी थी, लेकिन आवाज बदल दी गई थी। हमने पता किया तो यह 3 साल पुराना वीडियो निकला। 13 सितंबर, 2019 को इसे गोरखपुर न्यूज नाम के यूट्यूब चैनल ने पब्लिश किया था। वीडियो में दिख रहे अधिकारी एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ थे।
बच्चों की किडनी निकालने का वीडियो
दूसरा वायरल वीडियो 42 सेकंड का है। इसमें एक फोटो लगी है और वाइस-ओवर है। कहा जा रहा है कि इन बच्चों की किडनी, लीवर निकाल लिए गए हैं। एक अन्य वीडियो बच्चा चोरी की अफवाह से लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया है। मगर, वॉट्सऐप पर उसका आधा हिस्सा ही शेयर किया जा रहा है, जिससे लोग उसे सच मान बैठे हैं।
इसके अलावा कुछ और वीडियो हैं, जो बेहद हिंसक हैं। किसी में बच्चे की गर्दन नहीं है, तो किसी वीडियो में लड़की को डंडों से मारकर उसकी गर्दन काट दी गई। इन सभी वीडियो का बच्चा चोरी से कोई संबंध नहीं है।
अब हम पिछले एक सप्ताह में सामने आए मामलों की बात करते हैं
8 सितंबर, 2022: बिहार के सीतामढ़ी के कोकना में रामजी, राकेश गुप्ता और अभिषेक झा ब्रेजा कार से जा रहे थे। गांव में हल्ला मचा कि ये बच्चा चोर हैं। मौके पर 3 हजार लोग इकट्ठा हो गए। तीनों को बुरी तरह से पीटा। जो वीडियो बना रहे थे, उनका मोबाइल तोड़ दिया। पुलिस पहुंची, तो किसी तरह से जान बच पाई।
7 सितंबर, 2022: कासगंज के गल्ला मंडी में लगे रिलायंस के टावर की जांच करने टेक्नीशियन पुष्पेंद्र, रोहन, अजय और विष्णु ईको कार से पहुंचे। तभी लोगों ने उनको घेर लिया और बच्चा चोरी का आरोप लगाकर सभी को लाठी-डंडे से बुरी तरह पीटा। गाड़ी पलट दी। पुलिस पहुंची, तो सभी को बचाने में उसके हाथ-पांव फूल गए।
7 सितंबर, 2022: हरदोई के इटौली में विपिन नाम के युवक को बच्चा चोर कहकर लोगों ने घेर लिया। पहले लाठी-डंडों से पीटा। फिर पूरा गांव इकट्ठा हो गया और विपिन को हैंडपंप में बांधकर पीटा गया। पुलिस पहुंची, तो किसी तरह से विपिन को बचाया।
6 सितंबर, 2022: कौशांबी के करारी थाना क्षेत्र के म्योहर बाजार में एक महिला टहल रही थी। अफवाह उड़ी कि वह बच्चा चोर है। लोगों ने पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। कपड़े फाड़ दिए। पुलिस आई, तो उस पर पत्थर फेंकने लगे। पुलिस ने किसी तरह से स्थिति संभाली। बाद में पता चला कि महिला औरैया जिले की रोशनी है। बच्चा चोरी से उसका कोई संबंध नहीं है।
उत्तराखंड के झबरेड़ा के वॉट्सऐप ग्रुप से शुरू हुई अफवाह
सहारनपुर के एसपी राजेश कुमार बताते हैं, "बच्चा चोरी की अफवाह उत्तराखंड के झबरेड़ा से शुरू हुई। यहां के वॉट्सऐप ग्रुप में सबसे पहले फर्जी वीडियो आए। इसके बाद वह अलग-अलग ग्रुपों में शेयर हुए। पुलिस ने यहां ग्रुप एडमिन सहित 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।"
न सिर्फ यूपी बल्कि झारखंड, बिहार और उत्तराखंड में बच्चा चोरी की अफवाह चरम पर है। इसके लिए वॉट्सऐप सबसे बड़ा माध्यम है। यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार कहते हैं, ''यूपी में बच्चा चोरी का कोई गैंग सक्रिय है, ऐसी कोई सूचना नहीं मिली। जहां भी बच्चा चोरी का मामला सामने आया, वहां पुलिस ने उचित कार्रवाई की।''
अब सवाल है कि क्या बच्चा चोरी के सारे मामले झूठे हैं?
नहीं, सारे मामले झूठे नहीं हैं। पिछले एक महीने में यूपी के अंदर बच्चा चोरी के 7 मामले सामने आए। इसमें मथुरा स्टेशन का चर्चित मामला भी शामिल है, जिसका वीडियो सबसे अधिक वायरल हुआ था। पुलिस ने सक्रियता दिखाई, तो गायब हुआ बच्चा फिरोजाबाद की भाजपा पार्षद विनीता अग्रवाल के घर मिला। पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से जांच करके 8 लोगों को गिरफ्तार किया।
लोग न पहुंचते, तो बच्ची किडनैप हो जाती
गोरखपुर के बेलीपार इलाके में 7 सितंबर, 2022 को संजय प्रजापति की 7 साल की बेटी शिवांगी स्कूल जा रही थी। रास्ते में असम के नवलपाड़ी जिले के मोहर अली उसकी पत्नी सकीना और बेटा हमीदुल ने बच्ची को एक बोरी में भरना चाहा। एक युवक ने देखा, तो वह चिल्लाया। मौके पर इकट्ठा हुई भीड़ ने तीनों को पीटकर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आइए अब जानते हैं अफवाह को रोकने के लिए प्रशासन क्या कर रहा है
स्थानीय प्रशासन कर रहा लाउडस्पीकर का प्रयोग
यूपी के जिन हिस्सों में बच्चा चोरी की अफवाह फैली है, पुलिस चौराहों पर वहां के लोगों के साथ बैठक कर रही है। लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को वॉट्सऐप मैसेज पर भरोसा नहीं करने और उसे आगे नहीं फॉरवर्ड करने की अपील कर रही है। साथ ही कहा जा रहा है कि ऐसा करने पर ग्रुप के एडमिन को गिरफ्तार किया जाएगा।
प्रशांत कुमार ने कहा, "बच्चा चोरी की अफवाह फैलाई, तो रासुका लगाएंगे"
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, "अमूमन देखा जा रहा कि इलाके में घूम रहे मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति को बच्चा चोर समझकर पीटा जा रहा है। ऐसे में हम अधिकारियों को लगातार ध्यान देने का आदेश दे चुके हैं।" प्रशांत कुमार ने कहा, "पहले भी मॉब लिंचिंग को लेकर सर्कुलर जारी किया जा चुका है। कानून को हाथ में लेने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।"