धरने पर बैठे कुंडा MLA राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह, मस्जिदनुमा गेट हटाने की मांग, DM-SP पहुंचे मनाने
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह कुंडा तहलील में धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने क्षेत्र के एक गांव में सड़क के आर-पार मस्जिदनुमा गेट बनाए जाने पर आपत्ति जताया और प्रशासन की तरफ से इस गेट को नहीं हटाए जाने को लेकर धरना शुरू कर दिया है।
बाहुबली विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह कुंडा तहलील में धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने क्षेत्र के एक गांव में सड़क के आर-पार मस्जिदनुमा गेट बनाए जाने पर आपत्ति जताया और प्रशासन की तरफ से इस गेट को नहीं हटाए जाने को लेकर धरना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, डीएम और एसपी उन्हें मनाने के लिए भी पहुंचे।
दरअसल कुंडा में मुहर्रम जुलूस की तैयारियों के बीच मुहर्रम को लेकर एक गेट बनाया गया है। शेखपुर गांव की रोड पर बने इस गेट को लेकर अब राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह ने मुहर्रम गेट बनाए जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने पहले तो ट्वीट करके सरकार से इस गेट को हटवाए जाने की मांग कर दी। अब इसके बाद वह धरने पर बैठ गए हैं।
भद्री रियासत के राजा उदय प्रताप सिंह के इस धरने को लेकर कुंडा और प्रतापगढ़ के इलाके में माहौल गरमा गया है। राजा भैया के पिता दक्षिणपंथी झुकाव के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में उन्होंने मुहर्रम गेट का मामला उठाकर एक बार फिर क्षेत्र में माहौल को गरमा दिया है। 89 वर्षीय उदय प्रताप सिंह ने प्रतापगढ़ के कुंडा विकासखंड के शेखपुर आशिक क्षेत्र के एक गांव में अस्थायी मुहर्रम गेट बनाए जाने का मामला उठा दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ से इस गेट को हटवाने की मांग भी कर डाली है।
उदय प्रताप सिंह ने पहले ट्वीट में कहा कि प्रतापगढ़ के कुंडा स्थित शेखपुर गांव में मुसलमानों ने सड़क के उस पार मस्जिद का एक गेट बना लिया है, जिस पर उनकी भाषा में कई बातें लिखी हुई हैं। वे हिंदुओं को इसके नीचे चलने पर मजबूर कर रहे हैं। हमारा सुझाव है कि सभी हिंदू मुख्यमंत्री से शिकायत करें कि गेट को तुरंत हटा दिया जाए।
राजा भैया के पिता पहले भी मोहर्रम के अवसर पर गांव की रोड पर भंडारे का आयोजन करा चुके हैं। मुस्लिम पक्ष ने ताजिया नहीं निकल पाने की शिकायत की थी। इस वजह से तनाव का माहौल बन गया था। यह मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा था। हर साल मोहर्रम के समय प्रशासन की तरफ से उन्हें नजरबंद कर दिया जाता है।