सहारनपुर के मसाला कारोबारी का बेटा कैसे बना दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा कारोबारी, जानिए गुप्ता ब्रदर्स की पूरी कहानी
सहारनपुर से दक्षिण अफ्रीका में जाकर कारोबार खड़ा करने वाले गुप्ता ब्रदर्स को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से गिरफ्तार किया गया है। मामला गरमाया तो गुप्ता ब्रदर्स को लेकर लोगों में एक प्रकार से उत्सुकता बढ़ी है। आप जानकर आश्चर्य करेंगे कि एक छोटे से मसाला कारोबारी के बेटे दक्षिण अफ्रीका के बिजनेस टायकून बन गए।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रायवाला मार्केट में राशन और मसालों की दुकान चलाने वाले शिवकुमार गुप्ता ने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके बेटे किसी समय दक्षिण अफ्रीका के बिजनेस टायकून बन जाएंगे। लेकिन, ऐसा हुआ। सहारनपुर से निकला एक युवक दक्षिण अफ्रीका पहुंचा और एक छोटे से कंप्यूटर की दुकान से करियर की शुरुआत कर बिजनेस का साम्राज्य खड़ा कर लिया। रुतबा ऐसा कि सीधे राष्ट्रपति भवन तक एंट्री मिल गई थी। समय के साथ स्थिति भी पलटी। अब गुप्ता ब्रदर्स चर्चा में इस कारण हैं कि उनकी यूएई से गिरफ्तारी हुई है। दो भाई राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता गिरफ्तार हुए हैं। तीसरे भाई अजय गुप्ता के संबंध में अभी तक कोई जानकारी मिली नहीं है।
गुप्ता बंधुओं का सीधा कनेक्शन उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से है। तीनों भाई मूल रूप से यहीं के रहने वाले हैं। सहारनपुर के रानीबाजार के रहने वाले शिवकुमार गुप्ता के तीन लड़के हैं, अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता। शिवकुमार गुप्ता एक समय में सहारनपुर में मसालों के कारोबारी के रूप में खासे चर्चित थे। उनकी रायवाला मार्केट में राशन की दुकान थी। तीनों भाइयों का बचपन सहारनपुर में बीता था। पढ़ाई-लिखाई में तीनों भाई काफी तेज थे। शिवकुमार ने वर्ष 1985 में अपने मंझले बेटे अतुल गुप्ता को दिल्ली में पढ़ाई करने के लिए भेजा। यहीं से गुप्ता बंधुओं की किस्मत पलटनी शुरू हो गई।
होटल में नौकरी के बाद गए साउथ अफ्रीका
अतुल गुप्ता ने दिल्ली में अपनी पढ़ाई पूरी की और इसके बाद वहीं के हयात होटल में नौकरी कर ली। इसी नौकरी के क्रम में उनकी पहचान दक्षिण अफ्रीका के कुछ कारोबारियों से हुई। इसके बाद उन्होंने तेजी से बदलते देश में अपना कारोबार शुरू करने का निर्णय लिया। उस समय दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आंदोलन अपने आखिरी दौर में था। अतुल गुप्ता के कारोबारी दिमाग ने भांप लिया कि देश में व्यापार काफी फल-फूल सकता है। अतुल गुप्ता ने यहां एक छोटा बिजनेस शुरू किया। जैसे ही व्यापार बढ़ा, उसने अपने दोनों भाइयों को दक्षिण अफ्रीका बुला लिया।
कंप्यूटर के कारोबार से की शुरुआत
अतुल गुप्ता ने दक्षिण अफ्रीका में वर्ष 1993 में सहारा कंप्यूटर्स नाम से कंप्यूटर का कारोबार शुरू किया गया। यह गुप्ता बदर्स की दक्षिण अफ्रीका में बिजनेस एम्पायर की नींव साबित हुई। तीनों भाइयों ने मेहनत की तो उनका कंप्यूटर कारोबार पूरे दक्षिण अफ्रीका में फैल गया। सहारा कंप्यूटर्स उस समय दक्षिण अफ्रीका की नंबर एक कंपनी बन गई। गुप्ता बदर्स इस सफलता से काफी खुश थे। पैसे उनके पास आ चुके थे। अब वे अपना कारोबार बढ़ाना चाहते थे। इसलिए, उन्होंने कोल और गोल्ड माइनिंग में अपना हाथ आजमाया। इसके बाद उन्होंने मीडिया के क्षेत्र में कदम रखा। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में न्यूज एज नाम से पहले अखबार शुरू किया। इसके बाद कई न्यूज चैनल उन्होंने खोले।
वर्ष 1994 में 14 लाख रेंड से कंपनी की शुरुआत की। उस समय दक्षिण अफ्रीकी करेंसी का भाव काफी कम था। भारतीय रुपये के मुकाबले में आज के समय में रेंड मजबूत हो गया है। अभी एक दक्षिण अफ्रीकी रेंड की कीमत 5.03 रुपये के बराबर है। 1997 में उनकी कंपनी 970 लाख रेंड की बन गई। दक्षिण अफ्रीका के व्यापार में गुप्ता बंधुओं का बड़ा नाम हो गया। एक समय में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ उनके नजदीकी संबंध बन गए थे।
राजनीतिक दखलअंदाजी पड़ी भारी
आर्थिक और राजनीतिक रूप से मजबूत होते गुप्ता बंधुओं ने दक्षिण अफ्रीका के शासन में भी दखलअंदाजी शुरू कर दी थी। वर्ष 2016 में दक्षिण अफ्रीका के उप वित्त मंत्री मसोबिसि जोनस ने आरोप लगाया कि गुप्ता बंधुओं ने उन्हें वित्त मंत्री बनाने का वादा किया। इस खुलासे के बाद उनका बुरा समय शुरू हो गया। पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से संबंधों का इस्तेमाल कर कारोबार बढ़ाने का आरोप भी उन पर लगा। उस समय राजनीतिक दखल बढ़ने और इस कारण लोकप्रिय जैकब जुमा के कुर्सी गंवाने का भी आरोप भी इन पर लगा।
साथ ही, राष्ट्रपति से संबंधों का इस्तेमाल कर सरकारी ठेके हासिल करने और मंत्रियों की नियुक्ति में हस्तक्षेप का भी आरोप उन पर लगा। इसके बाद गुप्ता बंधुओं पर जांच का शिकंजा कसता गया और 2018 में उनके ठिकानों पर छापे मारे गए। इसके बाद से ही ये लोग दुबई भाग गए थे। अब उनको यूएई से गिरफ्तार किया गया है।