कांग्रेस नेता राशिद अल्वी के बयान पर मचा बवाल, बोले- जय श्रीराम का नारा लगाने वाले सभी मुनि नहीं, कुछ हैं राक्षस भी
अयोध्या पर लिखी सलमान खुर्शीद की किताब पर विवाद के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राशिद अल्वी के बयान पर बवाल मच गया है। अल्वी ने संभल में कल्कि महोत्सव में कहा कि जय श्री राम का नारा लगाने वाले सभी मुनि नहीं हो सकते, कुछ राक्षस भी होते हैं।
अल्वी ने संभल में कल्कि महोत्सव में कहा कि जय श्री राम का नारा लगाने वाले सभी मुनि नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि इन दिनों जय श्रीराम बोलने वाले कुछ लोग संत नहीं है, बल्कि राक्षस हैं। इस बयान से पहले राशिद अल्वी ने रामायण के उस प्रसंग का जिक्र किया, जब हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने के लिए जा रहे थे और संत के वेष में एक राक्षस ने उन्हें रोकने का मायाजाल रचा था। अल्वी के इस बयान पर बीजेपी ने सख्त आपत्ति जताई है। उन पर हिन्दू विरोधी बयानबाजी का आरोप लगाया है। उधर, अल्वी ने आरोपों से इनकार किया है।
कल्कि महोत्सव में अल्वी ने सबसे पहले साधु संतों को नमन किया। उन्होंने कहा कि कलियुग को चलते हुए अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ है इसलिए सभी साधु संत प्रार्थना करें कि पुराणों में दर्ज समय से पहले भगवान श्री कल्कि सम्भल में अवतार लें। कांग्रेस नेता ने मंच से सियासी तीर छोड़ते हुए कहा कि कुछ लोग धर्म पर यकीन नहीं करते हैं, लेकिन धर्म की बात करते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि देश में राम राज्य आ गया है, लेकिन जहां तक मैं समझता हूं राम राज्य में नफरत की कोई जगह नहीं है।
हिन्दू न चाहे तो सेकुलर नहीं रह सकता देश
इसके पहले पत्रकारों से बातचीत के दौरान सलमान खुर्शीद की किताब पर विवाद पर बोलते हुए अल्वी ने कहा कि कोई भी धर्म आतंक नहीं सिखाता है। भारत यदि सेकुलर है तो हिन्दू धर्म की वजह से है। यहां की 80 प्रतिशत आबादी हिन्दू है। हिन्दू न चाहें तो देश सेकुलर नहीं रह सकता। राशिद अल्वी ने कहा कि उन्होंने सलमान खुर्शीद की किताब नहीं पढ़ी है लेकिन सलमान एक सेकुलर आदमी हैं। उन्होंने हिन्दू धर्म की तुलना आईएसआईएस से नहीं की है। हिन्दू धर्म की तुलना आतंकवादियों के साथ नहीं की जा सकती। अल्वी ने श्री रामचरित मानस में सीता हरण के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि मुनि का भेष धारण कर आया रावण भी जय श्रीराम का नारा लगा रहा था। जय श्रीराम का नारा लगाने वाले सब मुनि नहीं हैं।