वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में सील वजूखाने की सफाई शुरू, जिलाधिकारी के निगरानी में हो रहा काम; पुलिस तैनात
ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना क्षेत्र की सफाई आज जिला अधिकारी की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हो गई है। हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा हमने सुप्रीम कोर्ट में मांग की थी कि वजूखाना जो काफी गंदा हो चुका है उसे साफ कराया जाए। आदेश 16 जनवरी को आया था इसलिए आज इसे साफ किया जा रहा है।
ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना क्षेत्र की सफाई 20 जनवरी को जिला अधिकारियों की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हिंदू महिला याचिकाकर्ताओं के ज्ञानवापी मस्जिद के 'वजूखाना' के पूरे क्षेत्र को साफ करने और स्वच्छता की स्थिति बनाए रखने के लिए निर्देश देने की मांग के आवेदन को स्वीकार कर लिया था, जहां कथित 'शिवलिंग' पाया गया था। इलाके में भारी पुलिस तैनाती की गई। वहीं मस्जिद में प्रवेश करने से पहले सफाई कर्मचारियों की पहचान की जांच की गई।
हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा, हमने सुप्रीम कोर्ट में मांग की थी कि वजूखाना जो काफी गंदा हो चुका है, उसे साफ कराया जाए। आदेश 16 जनवरी को आया था, इसलिए आज इसे साफ किया जा रहा है। आज मंदिर व मस्जिद दोनों पक्ष के लोग यहां मौजूद रहेंगे। पूरा काम जिलाधिकारी की निगरानी में होगा।
18 जनवरी को हुई थी बैठक
इससे पहले सफाई को लेकर बीते गुरुवार (18 जनवरी) को वाराणसी में हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोगों के साथ जिलाधिकारी के अगुवाई में बैठक हुई थी। जिलाधिकारी ने कहा कि वजूखाना की सफाई का आदेश कोर्ट ने दिया था। इस संबंध में दोनों पक्षों से बातचीत हो चुकी है। बैठक में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में दोनों पक्षों ने शांतिपूर्वक बात की है।
ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने कहा कि वह पानी की टंकी की सफाई का समर्थन करती है, जो शीर्ष अदालत के आदेश पर लगभग दो वर्षों से सील है।
आवेदन में कहा गया है कि पानी की टंकी में मछलियां 12 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच मर गईं और उसी के कारण टैंक से दुर्गंध आ रही है।
इसमें कहा गया था कि चूंकि वहां मौजूद भगवान शिव की शिवलिंग जो हिंदुओं के लिए पवित्र है और उसे सभी गंदगी, गंदगी, मृत जानवरों आदि से दूर रखा जाना चाहिए और साफ स्थिति में होना चाहिए, वर्तमान में वह मरी हुई मछलियों के बीच में है जो भक्तों की भावनाओं को आहत करने वाला है।